'पेरू' ने इस ग्रामीण किसान को चुना अपना राष्ट्रपति, भारी मतों से विजयी घोषित
ग्रामीण अध्यापक से नेता बने पेड्रो कास्टिलो (Pedro Castillo) पेरू (Peru) 40 साल में अब तक की सबसे लंबी मतगणना के बाद राष्ट्रपति पद के चुनाव में विजयी घोषित हो गए हैं. गौरतलब है, कास्टिलो ने दक्षिणपंथी नेता कीको फुजिमोरी को मात्र 44,000 मतों के अंतर से हराया. बताया जाता है, कास्टिलो के समर्थकों में पेरू के गरीबों एवं ग्रामीणों की बड़ी संख्या है. वहीं, इतिहासकारों का कहना है कि कास्टिलो पेरू के राष्ट्रपति बनने वाले पहले किसान हैं. निर्वाचन अधिकारियों ने सोमवार को अंतिम आधिकारिक परिणाम जारी गए.
बतादें, चुनाव अभियान के दौरान कास्टिलो ने ‘पेरू लिब्रे पार्टी’ के चुनाव चिह्न बेंत के आकार की पेंसिल के साथ ‘एक अमीर देश में और अधिक गरीब नहीं’ नारे को लोकप्रिय बनाया. गौरतलब है, पेरू दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा तांबा उत्पादक देश है. कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से पेरू की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है. देश की एक-तिहाई आबादी में गरीबी का स्तर बढ़ गया है और दशकों तक मेहनत के बाद हासिल की गई आर्थिक बढ़त कम हो गई है.
शिक्षा और स्वास्थ्य सेक्टर में गैप को कम करने पर जोर
कास्टिलो ने शिक्षा और स्वास्थ्य सहित सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए खनन क्षेत्र से राजस्व का उपयोग करने का चुनावी वादा किया है. महामारी के दौरान इन क्षेत्रों में गैप देखने को मिला है. अप्रैल में उन्होंने कहा था कि जिन लोगों के पास कार नहीं है उनके पास कम से कम एक साइकिल जरूर होनी चाहिए. वहीं, कास्टिलो बहुराष्ट्रीय खनन और प्राकृतिक गैस कंपनियों के राष्ट्रीयकरण के अपने प्रस्तावों पर नरम हो गए हैं. इसके बजाय, उनके चुनावी अभियान में कहा गया कि वह तांबे की उच्च कीमतों के कारण मुनाफे पर टैक्स बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं.
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