सावधान! स्मार्टफोन यूज़र्स हो सकते है 'कैंसर' ग्रसित, वैज्ञानिकों ने चेताया
दुनियाभर में तेज़ी से बढ़ रही स्मार्टफोन यूज़र्स की तादाद के लिए एक शोध में चिंता की रेखाएं घिर चुकी है, दरअसल अमेरिकी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि स्मार्टफोन कैंसर का खतरा बढ़ाता है. स्टडी में पाया गया है कि 10 सालों तक यदि कोई व्यक्ति हर दिन कम से कम 17 मिनट तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता है तो उसके शरीर में कैंसर के ट्यूमर के बनने का खतरा 60 फीसदी तक बढ़ जाता है. इसके अलावा सेल्स के खत्म होने का भी खतरा होता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि मोबाइल सिग्नल से रेडिएशन ‘सेलुलर मैकेनिज्म में हस्तक्षेप’ करता है और इस वजह से स्ट्रेन प्रोटीन का निर्माण हो सकता है जो डीएनए को नुकसान पहुंचा सकता है. यहां तक कि इससे ट्यूमर और सेल्स के खत्म होने का खतरा बभी है.
फोन को खुद से दूर रखने की करें कोशिश
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने अमेरिका, स्वीडन, ब्रिटेन, जापान, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड में हुईं रिसर्च के आधार पर यह दावा किया है. रिसर्च कहती है, दुनियाभर में मोबाइल फोन यूजर्स बढ़ रहे हैं. 2011 तक 87 फीसदी घरों में एक मोबाइल फोन था. 2020 में यह आंकड़ा 95 फीसदी हो गया. शोधकर्ता जोएल मॉस्कोविट्ज कहते हैं, लोगों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम करना चाहिए. इसे अपने शरीर से दूर रखना चाहिए और जितना हो सके लैंडलाइन का इस्तेमाल करें. फोन के अधिक इस्तेमाल और कैंसर का कनेक्शन विवादित है, यह एक सेंसेटिव पॉलिटिकल टॉपिक है.
हालांकि, अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कैंसर और मोबाइल रेडिएशन के लिंक को खारिज कर दिया है. FDA ने कहा कि मोबाइल फोन से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी एनर्जी के संपर्क में आने से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं का कोई सुसंगत या विश्वसनीय वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
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