Spy Balloon: अमेरिका ने बताया कि चीन का ये जासूसी गुब्बारा कम्युनिकेशन सिग्नल्स को इकट्ठा करने में सक्षम था. चीन ने करीब 40 देशों में ऐसे गुब्बारे छोड़े थे. अमेरिका के आसमान में उड़ रहे जासूसी गुब्बारे को फाइटर जेट की मदद से 5 फरवरी को मार गिराया गया था. इसके बाद बुधवार को इसका मलबा अटलांटिक महासागर से अमेरिकी नेवी को मिला था. अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी ने दावा किया कि स्पाई बैलून के जरिए चीन दुनियाभर के देशों की मिलिट्री साइट्स पर नजर रख रहा है. पिछले कई साल से चीन ऐसा कर रहा है. चीन ने स्पाई बैलून भेजकर भारत की जासूसी भी की है. इसके अलावा वह जापान, ताइवान और फिलिपींस के एयरस्पेस में भी घुसपैठ कर चुका है.
दावा किया जा रहा है कि जिस गुब्बारे के निशाना बनाया गया, वह चीन की सेना द्वारा बनाया गया था और इसे सर्विलांस के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था. गुब्बारे में कई एंटीना भी थे. पिछले कई सालों में चीन के जासूसी बैलून लैटिन अमेरिका, साउथ अमेरिका, साउथ ईस्ट एशिया, ईस्ट एशिया और यूरोप में भी देखे गए हैं.
Spy Balloon से चीन कर रहा जासूसी!
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि इस गतिविधि का पूरा कंट्रोल पीएलए के हाथों में है. इस तरह की गतिविधियां अक्सर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के निर्देश पर की जाती हैं. अमेरिका चीन की व्यापक निगरानी गतिविधियों को उजागर करना जारी रखेगा, जो उसकी सुरक्षा और उसके सहयोगियों के लिए खतरा पैदा करते हैं.

चीन ने स्वीकार किया है कि गुब्बारा उसका था लेकिन इस बात से इनकार किया कि यह निगरानी कर रहा था. चीन का कहना है कि यह मौसम अनुसंधान के लिए था और यह अपने रास्ते से भटक गया था. बीजिंग ने आरोप लगाया है कि अमेरिका ने उसके गुब्बारे को मार गिराकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है.
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