Suicide Records: हत्या से ज़्यादा आत्महत्या से मर रहे हैं लोग, भारत के इस राज्य ने बनाया रिकॉर्ड

 
Suicide Records: हत्या से ज़्यादा आत्महत्या से मर रहे हैं लोग, भारत के इस राज्य ने बनाया रिकॉर्ड

Suicide Records: पूरी दुनिया भर में हुए एक सर्वे के अनुसार हत्या से लोग कम मर रहे है, लेकिन लोग खुद आत्महत्या कर ज़्यादा कर रहे है. जी हां अभी कुछ समय पहले भी एक सर्वे ने रिपोर्ट पेश की थी. जिसमें भारत भी उदास देशों वाली श्रेणी में आ गया था. विश्व स्तर पर और भारत में आत्महत्याओं से मरने वालों की संख्या “हत्याओं” के मामलों से बहुत ज़्यादा होती जा रही है.

आपको बता दें की देश की सरकारें हत्याओं की संख्या को कम करने के लिए तरह-तरह की कोशिशे करती है. कभी कोई हत्या के विरुद्ध में संसद में बिल पेश कर दिया. तो कभी कमिशन बना दिया जो हत्या जैसे अपराधों को कम करें. केंद्र की सरकारें अपना पैसा और समय दोनो चीजें खर्च करती हैं लेकिन जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो बेहद हैरतअंग्रेज कर देने वाले हैं.

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आत्महत्या से मरने वालों की संख्या हत्या के मामलों की संख्या से कई गुना बनकर सामने आयी है. अब ये आंकड़ा प्रत्येक 5 मिलियन से अधिक आबादी वाले कुल 113 देशों के सर्वे करने के बाद सामने आ रही है. लैटिन अमेरिका (Latin America) वो जगह रही जहां हत्या की दर आत्महत्या दर (Suicide) से ज़्यादा है.

अब बात भारत की करते है, भारत की आबादी क़रीब-क़रीब 134 करोड़ के आस- पास है. तो ज़ाहिर सी बात है यहां रोज़गार के मामले में भारत दुनिया के कई बड़े देशों से पीछे चल रहा है. तो देश में आत्महत्या के आंकड़े की संख्या हत्या के आंकड़े से ज्यादा है. भारत का युवा ग्रैजूएट होने के बाद भी कम पैसों के अपना मन मार कर काम करने को तैयार है.

जिसके बाद कई लोगों को नुक़सान हो जाता है. अब बात करते है बिहार राज्य की बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है। जिस प्रदेश के लोग आपको हर फ़ील्ड में मिल जाएंगे. लेकिन फिर भी बिहार एकलौता ऐसा शहर है जहां हत्याओं का आंकड़ा आत्महत्याओं से ज्यादा है. बिहार के लोग इस तरह आत्महत्या कर रहे है, जैसे उन्हें अपने जीवन की क़दर ही नही है.

देखें ये आंकड़े :-

  1. जापान में हत्याओं के मामलों से आत्महत्या की दर 57 गुना ज्यादा है. जापान एकलौता ऐसा देश है सर्वे में जिसके आंकड़े में इतना बड़ा गैप देखने को मिला है.
  2. अमेरिका में हत्या की दर से आत्महत्याओं की दर दो गुना ज्यादा है.
  3. भारत में आत्महत्या की दर हत्या की दर से पांच गुना ज्यादा है.
  4. आत्महत्याओं का ये आंकड़ा साफ इस बात को दर्शात है कि लोग मानसिक तनाव से ज्यादा गुजर रहे हैं जिस कारण उन्हें आत्महत्या ही एकलौता हल दिखता है.

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