World Economic Forum 2023 : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा फोकस यूपी में अधिक से अधिक निवेश को बढ़ावा देने पर है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए निवेश की तगड़ी खुराक का इंतजाम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 16 से 20 जनवरी तक दावोस स्विट्जरलैंड में आयोजित होने वाले वर्ल्ड इकोनामिक फोरम में शामिल होंगे।
यूपी की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने का लक्ष्य
विश्व के सर्वाधिक प्रतिष्ठापरक आर्थिक मंच पर सीएम योगी उप्र के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। वर्ल्ड इकोनामिक फोरम में भाग लेने वाले वह उप्र के पहले मुख्यमंत्री होंगे।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगले पांच वर्ष के दौरान उप्र की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डालर का आकार देने का लक्ष्य तय किया है।इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था को अगले पांच वर्षों के दौरान लगातार तकरीबन 35 प्रतिशत की विकास दर हासिल करनी होगी।प्रदेश की अर्थव्यवस्था को इतनी तेज रफ्तार देने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश रूपी ईंधन की जरूरत होगी।
क्या है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) जिसें हिंदी में विश्व आर्थिक मंच कहा जाता है, जिसमें अलग-अलग देशों के कई सारे बड़े नेता शामिल होते हैं. यह विश्व स्तरीय बैठक हर साल विदेश में आयोजित की जाती है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका हेडक्वार्टर स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है. यह संगठन हर साल पॉलिटिकल और बिजनेस नेताओं के साथ ग्लोबल इकोनॉमी को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक करता है. जिसमें राजनीतिक, आर्थिक से लेकर सामाजिक और पर्यावरण सरोकार शामिल हैं।
16 विकासशील देशों के साथ होती है बैठक
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सदस्य ही इस संगठन को चला रहे हैं. यह बैठक 16 विकासशील देशों के साथ आयोजित की जाती है. इसमें अफ्रीका, पूर्वी एशिया और लैटिन अमेरिका में, लेकिन दावोस, स्विट्जरलैंड शामिल हैं।इकोनॉमिक फोरम की बैठक, सदस्यों और जनता के लिए नए मुद्दों, ट्रेंड और संगठनों को चर्चा के लिए पेश करती हैं। माना जाता है कि यह कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्र के निर्णय लेने को प्रभावित करते हैं।
बैठक का ये है उद्देश्य
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के एनुअल मीटिंग का उद्देश्य है दुनिया के सबसे शक्तिशाली निर्णय निर्माताओं को नियमित आधार पर एक साथ लाकर दिन की गंभीर समस्याओं पर चर्चा करना. साथ ही विचार करना कि आखिर इन चुनौंतियो से कैसे निपटा जाए. बता दें कि विश्व आर्थिक मंच के पास निर्णय लेने की कोई शक्ति नहीं है।
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