गांव के बोर्ड क्यों लिखा गया 'मुसलमानों और समलैंगिकों का प्रवेश निषेध'?

 
गांव के बोर्ड क्यों लिखा गया 'मुसलमानों और समलैंगिकों का प्रवेश निषेध'?

लोकतंत्र में सब का सम्मान है साथ ही हर व्यक्ति के पास अपना निजता का अधिकार है। इस सब के बावजूद हंगरी की एक गांव में ऐसा क्यों लिखा गया था की मुसलमानों और समलैंगिकों का प्रवेश निषेध है।

एसोथलम सरहद पर हंगरी का एक गांव है जहां एक बोर्ड लगा हुआ है और उस पर लिखा है" मुसलमानों और समलैंगिकों का प्रवेश निषेध है" उस गांव के लोग इस वाक्य का मतलब धर्मयुद्ध की मुहिम से बताते हैं। उनके अनुसार यह मुस्लिम संस्कृति के ख़िलाफ़ एक लड़ाई है।

गांव के मुखिया बीबीसी में दिए अपने इंटरव्यू में बताते हैं कि, "इस पोस्टर से यूरोप के उन ईसाइयों को भी धर्म के प्रति आकर्षित करने में मदद मिलेगी जो अपने ही देश में अलग-अलग संस्कृतियों का विरोध करते हैं।"

पश्चिम यूरोप में मुस्लिम की संख्या बढ़ती हुई देखकर गांव वाले ने यह फैसला लिया है। वो चाहते है कि यूरोप यूरोपियन के लिए हो, एशिया एशियाइयों के लिए और अफ़्रीका अफ़्रीकियों को लिए हो। लेकिन शरणार्थियों के संकट के कारण हंगरी में प्रवासी-विरोधी भावनाओं को बल मिला है।

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https://youtu.be/jCY3lrAYblk

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