पाकिस्तान की लाहौर हाई कोर्ट ने गुरूवार 30 मार्च को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए देशद्रोह कानून को खत्म कर दिया.जस्टिस शाहिद करीम ने देशद्रोह कानून को मनमाना बताया साथ ही देशद्रोह से जुड़ी पाकिस्तान दंड सहिता(PPC) की धारा 124ए को भी रद्द कर दिया.
पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा दायर थी याचिका
पाकिस्तान में लंबे समय से सरकार द्वारा इस कानून के गलत इस्तेमाल को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना और आरोप लगते रहे हैं.जिसको लेकर पाकिस्तान के नागरिकों द्वारा हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई.इन्ही में से एक याचिका के अंर्तगत कहा गया कि सरकार ने इस कानून का इस्तेमाल बोलने की आजादी के अलावा अभीव्यक्ति की आजादी का भी हनन किया जा रहा है.साथ ही पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत हाई कोर्ट में चुनौती दी.
फैसलों को लेकर पहले भी चर्चा में रहें हैं जस्टिस शाहिद करीम
बताते चलें जस्टिस शाहिद करीम ने वर्ष 2019 में पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ को दोषी ठहराया था वहीं 2007 में संविधान पलटने के मामले में राजद्रोह के तहत मौत की सजा सुनाई थी.
भारत में देशद्रोह कानून की क्या है स्थिति
पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस कानून को एक अंतरिम आदेश के तहत स्थगित कर दिया. मई 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि IPC की धारा 124ए के तहत कार्यवाही,जो देशद्रोह का कानून बनाती हैं, को तब तक स्थगित किया जाए ,जब तक कि इस कानून की समीक्षा करने की प्रक्रिया को केन्द्र सरकार की को पूरा नहीं कर लेती.