Car Pillers: जानें कैसे कार को मजबूत बनाते है पिलर्स, देखें किस तरह है पिलर
घर के बाद किसी भी व्यक्ति के लिए कार सबसे जरूरी चीज होती है। जिस तरह से घर को मजबूत बनाने में पिलर्स का योदान होता है, वैसे ही कार को मजबूत करने में भी पिलर्स अहम भूमिका निभाते हैं। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि कार में कितने पिलर्स होते हैं और किसी भी कार में किस पिलर का क्या योगदान होता है.
कितनी तरह के पिलर्स
किसी भी कार में पिलर्स का काम बॉडी को मजबूती देना होता है। बाजार में हैचबैक, सेडान और एसयूवी/एमपीवी सेगमेंट की कारें मिलती हैं। इन सभी तरह के सेगमेंट की कारों में पिलर्स मौजूद होते हैं। हैचबैक और सेडान जैसी कारों में तीन पिलर्स होते हैं, जबकि एमपीवी और एसयूवी जैसे सेगमेंट की कारों में चार पिलर्स होते हैं.
ए पिलर
कार में सबसे पहले पिलर को ए पिलर कहा जाता है. यह कार में सबसे आगे होता है. सभी तरह की कारों में इसे थोड़ा झुका हुआ रखा जाता है। इसका मुख्य काम कार की विंडशील्ड के भारत को सहते हुए बॉडी को मजबूत बनाना होता है. कार के चलने पर सामने से आने वाली हवा या दुर्घटना के समय केबिन को सुरक्षा देने के लिए इसे ज्यादा मजबूत लेकिन पतला बनाया जाता है.
बी पिलर
कार के आगे के दरवाजों के पीछे दूसरा पिलर होता है. इसे बी पिलर कहा जाता है. इसका काम कार की छत और दरवाजों को सपोर्ट देना होता है. ए पिलर की तरह बी पिलर सामने से दिखाई नहीं देता। यह कार के दरवाजों के अंदर छिपा होता है. दरवाजों और छत को सपोर्ट देने के लिए इसे काफी चौड़ा रखा जाता है.
सी पिलर
हैचेबैक और सेडान कारों में सी पिलर का डिजाइन ए पिलर जैसा होता है क्योंकि इनमें एमपीवी/ एसयूवी की तरह विंडो नहीं होती। सी पिलर का मुख्य काम पिछले दरवाजों, पीछे के शीशे और छत को पीछे से सपोर्ट देना होता है। इसके अलावा हैचबैक कारों में यह डिग्गी को भी सपोर्ट देता है। वहीं एमपीवी और एसयूवी में सी पिलर का काम बी पिलर की तरह पिछले दरवाजों और छत को सपोर्ट देना होता है.
सिर्फ एमपीवी और एसयूवी जैसे वाहनों के अंदर डी पिलर होता है। इसका काम वाहन के पिछले हिस्से, छत के पिछले हिस्से और डिग्गी के गेट को सपोर्ट देने के साथ ही पिछले शीशे का वजन संभालना भी होता है। इसे भी पिलर ए की तरह हल्का टेढ़ा बनाया जाता है लेकिन कुछ वाहनों में इसे बिल्कुल सपाट भी डिजाइन किया जाता है.