Tata motors बनी ईवी सेगमेंट कि बादशाह, इन कंपनीयों को पछाड़ हासिल किया मुकाम, अभी देखिए इन वजहों से टाटा बनी नंबर 1

 
Tata motors बनी ईवी सेगमेंट कि बादशाह, इन कंपनीयों को पछाड़ हासिल किया मुकाम, अभी देखिए इन वजहों से टाटा बनी नंबर 1

Tata motors ने भारतीय बाजार के इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अपना कब्जा जमा लिया है. इसके साथ ही कंपनी कि दो गाड़ीयों ने ही लगभग 90 प्रतिशत मार्केट पर कब्जा कर रखा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टाटा मोटर्स कि टाटा नेक्सन ने मार्केट पर अपनी पकड़ को कफी मजबूत कर लिया है. कंपनी ने मारुति सुजुकी, हुंडई, महींद्रा जैसी कंपनीयों को पछाड़ अपने आप को अव्वल स्थान पर पहुंचा दिया है. इसके पीछे कंपनी कि कई सारी योजनाएं हैं जिनकी बदौलत इसने भारतीय बाजार के इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर अपना कब्जा जमा लिया है.

ये थी Tata motors कि योजना

कंपनी ने एक दिन में सिर्फ आठ एसयूवी तैयार की, लेकिन नेक्सन ईवी के लॉन्च के बाद से पिछले दो वर्षों में मांग में तेजी आई है. Tata motors अब एक दिन में 100 से अधिक का उत्पादन करती है. टाटा को पता था कि उसे बेहद लागत के प्रति जागरूक आबादी के लिए एक किफायती कार बनानी होगी. एक ईवी प्लांट या लाइन बनाने के बजाय जो महंगा होगा और इसमें समय लगेगा. इसलिए उसने एक मौजूदा सफल मॉडल को चुनने और इसे बैटरी पैक के साथ तैयार करने पर काम करने का फैसला किया. Tata passenger electric mobility में उत्पाद लाइन और संचालन के उपाध्यक्ष Anand Kulkarni ने बताया कि एक नए बाजार के लिए एक ईवी प्लांट बनाना व्हीकल्स की डिमांड पर निर्भर करता है.

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Tata motors बनी ईवी सेगमेंट कि बादशाह, इन कंपनीयों को पछाड़ हासिल किया मुकाम, अभी देखिए इन वजहों से टाटा बनी नंबर 1
Image Credit- The statesman

टाटा ने ईवी घटकों और बुनियादी ढांचे की एक श्रृंखला के लिए टाटा समूह की कंपनियों पर भरोसा करके और एक सस्ता बैटरी रसायन प्रकार चुनकर अग्रिम निवेश को भी सीमित कर दिया. इसने नेक्सन ईवी की कीमत लगभग 19,000 डॉलर करने में सक्षम बनाया. कंपनी का प्लान उच्च-मध्यम वर्ग के लिए सस्ती ईवी बाजार में लाने का था. जो नेक्सन गैसोलीन मॉडल के टॉप एडिशन की तुलना में बहुत अधिक महंगा न हो.

इलेक्ट्रिक सेगमेंट पर कब्जा

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ईवी की बिक्री के लिए सिर्फ नेक्सन ईवी और एक अन्य मॉडल के साथ टाटा भारत की इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री का 90% हिस्सा हासिल करता है. जो कुल ऑटो बाजार का केवल 1% हिस्सा है. टाटा के सीईओ अरविंद गोयल ने बताया कि हमारी योजना सब कुछ स्थानीयकृत करने की है. चुंबक को छोड़कर मोटर के सभी पुर्जे अगले कुछ वर्षों में स्थानीय रूप से उत्पादित होने वाले हैं.

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