7th Pay Commission: लोकसभा में पेश हुआ न्यायधीशो से जुड़ा विधेयक, फैमिली पेन्शन की हक़दारी ?

 
7th Pay Commission: लोकसभा में पेश हुआ न्यायधीशो से जुड़ा विधेयक, फैमिली पेन्शन की हक़दारी ?

29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका हैं। केंद्र सरकार अब ऐक्शन मोड़ में नज़र आ रही हैं, लोकसभा में मंगलवार यानी 30 नवंबर को उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक 2021 पेश किया गया। इसमें यह साफ किया गया है कि उच्च एवं उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को पेंशन की अतिरिक्त मात्रा या परिवार पेंशन के लिये कोई हकदारी सदैव उस महीने की पहली तारीख से होगी जब पेंशन भोगी या कुटुम्ब पेंशनभोगी निर्दिष्ट आयु पूरी कर लेता है।

लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री किरण रिजीजू ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) संशोधन विधेयक 2021 पेश किया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम 2009 की 17ख एवं 16ख में क्रमश: अंत:स्थापित किया गया था जिसमें प्रत्येक सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उनकी मृत्यु के पश्चात उसका कुटुम्ब उसमें निर्दिष्ट मान के अनुरूप पेंशन या कुटुम्ब पेंशन की अतिरिक्त मात्रा का हकदार होगा।

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इसी के अनुसार, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की पेंशन की अधिक्तम मात्रा को यथास्थिति 80 वर्ष, 85 वर्ष 90 वर्ष और 100 वर्ष की आयु पूरी कर लेने पर मंजूर किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेन्द्र दत्त ज्ञानी द्वारा दायर रिट याचिका में गुवाहाटी के उच्च न्यायालय ने 15 मार्च 2018 के अपने आदेश में कहा कि पूर्वोत्तर उच्च न्यायालय न्यायाधीश अधिनियम की धारा 17ख के अनुसार पहली श्रेणी में अतिरिक्त पेंशन की मात्रा का फायदा किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को उनकी 80 वर्ष की आयु पूरी होने के पहले दिन से हाज़िर होगा।

इसके बाद, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी भारत का उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय सेवानिवृत्त न्यायाधीश संघ द्वारा दायर रिट याचिका में 3 दिसंबर 2020 को दिये आदेश में इस संबंध में उल्लेख किया। विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि पूर्वोत्तर अधिनियम की धारा 17ख एवं 16ख को अंत:स्थापित करने का विधायी आशय सेवानिवृत्त न्यायाधीश को उस महीने की पहली तारीख से पेंशन की अतिरिक्त मात्रा का फायदा देना था जिसको वह मान के पहले स्तम्भ में निर्दिष्ट आयु पूरी कर लेता है।

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https://youtu.be/7NSl9VOFR8I

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