8th Pay Commission: DA मर्ज और फिटमेंट फैक्टर से बढ़ेगी सैलरी, जानें पूरा गणित

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी खुशखबरी की तैयारी चल रही है। इस साल की शुरुआत में केंद्र ने 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की घोषणा कर दी थी। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि इसमें सैलरी कितनी बढ़ेगी और कैसे बढ़ेगी?
वेतन वृद्धि की प्रक्रिया दो मुख्य चरणों में पूरी होती है—पहला DA मर्जर (DA Merger) और दूसरा फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)। आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
क्या होता है DA मर्जर?
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) वह अतिरिक्त राशि होती है जो सरकार बढ़ती महंगाई से राहत देने के लिए देती है। हर छह महीने में DA रिवाइज होता है। जब नया वेतन आयोग लागू होता है, तो वर्तमान में मिलने वाला पूरा DA बेसिक सैलरी में जोड़ दिया जाता है। इसके बाद DA 'शून्य' हो जाता है और नई बेसिक सैलरी के आधार पर फिर से DA शुरू होता है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
फिटमेंट फैक्टर एक तरह का मल्टीप्लायर (गुणक) होता है जो यह तय करता है कि आपकी बेसिक सैलरी कितनी बढ़ेगी। यह फैक्टर सभी कर्मचारियों के लिए समान होता है ताकि एकसमान वेतन वृद्धि सुनिश्चित की जा सके।
उदाहरण:
7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था।
अगर आपकी पुरानी बेसिक सैलरी ₹20,000 थी, तो नई सैलरी:
₹20,000 x 2.57 = ₹51,400
8वें वेतन आयोग में सैलरी कैसे बढ़ेगी?
मान लीजिए किसी कर्मचारी की मौजूदा बेसिक सैलरी ₹30,000 है और आयोग 2.00 का फिटमेंट फैक्टर लागू करता है, तो नई बेसिक सैलरी होगी:
₹30,000 x 2.00 = ₹60,000
यह एक अनुमानित गणना है। असल सिफारिशें वेतन आयोग द्वारा पैनल गठन के बाद तय होंगी।
क्या कर्मचारियों को फायदा मिलेगा?
बिलकुल। सैलरी में बढ़ोतरी के साथ-साथ पेंशनभोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, DA फिर से शून्य से शुरू होगा और समय के साथ रिवाइज होता रहेगा। यह एक लॉन्ग-टर्म बेनिफिट होगा जिससे लाखों कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी।