PM श्रम योगी मानधन योजना में करें तुरंत अप्लाई, हर महीने मिलेगी ₹3000 की पेंशन
PM Shram Yogi Mandhan Yojana : केंद्र सरकार समय समय असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को वित्तीय सुरक्षा के लिए नई नई योजनाओं को लाती रहती है. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम)' नाम से एक सरकारी योजना भी शुरू की है. केंद्र सरकार एक निश्चित आयु में पहुंचने के बाद उन लोगों को नियमित पेंशन देती है, जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं. इन लोगों को अधिकतम मासिक 3000 रु पेंशन मिलती है. इसके लिए बेहद कम प्रीमियम अदा करना होता है.
इन लोगों को मिलेगा लाभ
यह योजना मुख्य रूप से असंगठित क्षेत्र से जुड़े मजदूरों के लिए एक पेंशन योजना है. यह योजना पीयूष गोयल द्वारा फरवरी 2019 में संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए शुरू की गई थी. यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को न्यूनतम 3,000 रुपये की सुनिश्चित पेंशन ऑफर करती है. इस योजना के लिए 18 से 40 साल के लोग आवेदन कर सकते हैं.
कब मिलेंगे 3000 रुपए
इस योजना के लिए आवेदन करते समय श्रमिकों को आधार कार्ड और बचत बैंक खाते की आवश्यकता होती है. यदि ग्राहक 18 वर्ष की आयु में इस योजना में प्रवेश करता है, तो उसे रिटायरमेंट पर मासिक पेंशन के रूप में 3,000 रुपये प्राप्त करने के लिए सिर्फ 55 रुपये मासिक का योगदान करना होगा. यह एक स्वैच्छिक और निवेश पेंशन योजना है. पेंशन मिलने के दौरान, यदि निवेशक की मृत्यु हो जाती है, तो लाभार्थी की पति या पत्नी को प्राप्त होने वाली पेंशन का 50 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन के रूप में दिया जाएगा.
पति या पत्नी को मिलेगी पेंशन
यह ध्यान देने वाली बात यह है कि पारिवारिक पेंशन केवल पति या पत्नी पर लागू होती है. यदि किसी लाभार्थी ने नियमित योगदान दिया है और किसी भी कारण से 60 वर्ष की आयु से पहले उसकी मृत्यु हो गई है, तो उसके पति या पत्नी को नियमित योगदान के भुगतान के साथ योजना में शामिल होने और उसे जारी रखने या बाहर निकलने की सुविधा मिलती है. आप इस योजना के लिए किसी करीबी सीएससी यानी कॉमन सर्विस सेंटर पर जा कर आवेदन कर सकते हैं.
ऑटो डेबिट फैसिलिटी
ग्राहक का योगदान उसके बचत बैंक खाते या जन-धन खाते से 'ऑटो-डेबिट' सुविधा के माध्यम से काट लिया जाएगा. यानी आप खुद से पैसे जमा करने के झंझट और तारीख याद रखने से बच जाएंगे. सब्सक्राइबर को इस योजना में शामिल होने की उम्र से 60 साल की उम्र तक निर्धारित राशि का योगदान करना आवश्यक है. इस योजना में केंद्र सरकार द्वारा लाभार्थी के अंशदान के साथ-साथ उतनी ही राशि का अंशदान किया जाता है। यानी जितना पैसा आप जमा कराएंगे उतना ही पैसा सरकार भी जमा करेगी.