एयरलाइंस एयर इंडिया को लेकर उड्डयन मंत्री बोले, निजीकरण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं

 
एयरलाइंस एयर इंडिया को लेकर उड्डयन मंत्री बोले, निजीकरण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं

एयरलाइंस एयर इंडिया काफी दिनों से नुकसान में चल रही है. टाइम्स नेटवर्क के भारत आर्थिक सम्मेलन में शनिवार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep singh Puri) ने इसको लेकर साफ कर दिया है कि हमारे पास कोई विकल्प नहीं है या तो हमें इसका निजीकरण करना होगा या इसे बंद करना होगा. एयर इंडिया अब पैसा बना रही है, लेकिन अभी हमें प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कुप्रबंधन की वजह से एयर इंडिया का कुल कर्ज 60,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है.

इस दौरान कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रमित पार्टी है, जब वे सत्ता में थे जो कुछ बेहतर काम किए उनमें दिल्ली और मुंबई के हवाई अड्डों का निजीकरण था. उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अब हम नई समयसीमा पर विचार कर रहे हैं. मूल्य लगाने के इच्छुक पक्षों के लिए अब डाटा-रुम (सूचना संग्रह) खोल दिया गया है. उन्होंने बताया कि वित्तीय बोलियों के लिए 64 दिन का समय होगा. उसके बाद सिर्फ फैसला लेने और एयरलाइन हस्तांतरित करने का निर्णय ही शेष होगा.

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मेरी इतनी क्षमता नहीं हैः हरदीप सिंह पुरी

कार्यक्रम के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि मेरी इतनी क्षमता नहीं है कि मैं बार-बार वित्त मंत्री निर्मला जी के पास जाऊं और कहूं कि मुझे कुछ और पैसा दें. उन्होंने बताया कि पूर्व में एयर इंडिया के निजीकरण के प्रयास इसलिए सफल नहीं हो पाए, क्यों उन्हें पूरे दिल से नहीं किया गया था.

आपको बता दें कि एयर इंडिया सरकार की ही है. वह इसमें अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी के लिए खरीदार को तलाशने में करने में लगी है. लाभ में चलने वाली इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में 2007 में विलय कर दिया गया था. जिसके बाद से यह एयरलाइंस घाटे में चली गई है.

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