Budget 2022: आपको मिले उपहारों पर भी वसूूला जाता है कर, जानिए किसने किया था 'गिफ्ट टैक्स' लागू

आने वाली 1 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा देश की संसद में आम बजट (Budget 2022) पेश किया जाएगा. जिससे देश की जनता को यह उम्मीद है कि उनकी जेब का बोझ कम होगा. साथ ही उनको विभिन्न तरह के करों में छूट भी मिलेगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में कई बार ऐसे बजट भी जारी किए गए हैं. जिसके बाद आम नागरिकों को गिफ्ट टैक्स तक देना पड़ा था.
इतना ही नहीं, यह बजट वित्त मंत्री की जगह प्रधानमंत्री द्वारा पेश किए गए थे. इस प्रकार, भारत में अब तक प्रधानमंत्री द्वारा तीन बार बजट पेश किए जा चुके हैं. तो चलिए हमारे आज के इस लेख के माध्यम से आपको उन्हीं प्रधानमंत्रियों और उनके द्वारा लागू किए गए गिफ्ट टैक्स के बारे में बताने जा रहे हैं?
सबसे पहले चलिए जानते हैं कि क्या होता है गिफ्ट टैक्स?
गिफ्ट टैक्स से तात्पर्य आपको मिलने वाले उपहार और भेंट पर लगने वाले टैक्स से है, जिसे ही गिफ्ट टैक्स कहा गया है. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वर्ष 1958-59 में जब बजट पेश किया था. उस दौरान उन्होंने गिफ्ट टैक्स लागू किया था. जिसे प्रत्यक्ष कर की श्रेणी में रखा गया है. जिसके अंतर्गत 10 हजार रुपए से अधिक के उपहार या तोहफे पर जनता से कर लिया जाता था.
हालंकि इसमें अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी को 1 लाख रुपए तक का तोहफा देता है, तो उसे गिफ्ट टैक्स नहीं देना पड़ता था. इस समय गिफ्ट टैक्स लागू करने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न प्रकार के करों की चोरी रोकना था. बता दें कि गिफ्ट टैक्स का प्रावधान इससे पहले अमेरिका, कनाडा, जापान और ऑस्ट्रेलिया में था. फिर इसे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा भारत में लागू किया गया. जिसे साल 1988 में हटाकर दुबारा वर्ष 2004 में लागू कर दिया गया था.