Central Railway: मेघदूत प्रोजेक्ट से हवा से पानी बनाएगी रेलवे, जानें किन स्टेशनों से होगी इस खास सुविधा की शुरुआत

Central Railway: भारतीय रेलवे (Indian Railway) ट्रैन में हर रोज लाखों की संख्या मेंयात्रा करने वाले यात्रियों को समय समय पर नई नई सुविधाओं का ऐलान करती है. इसी क्रम में सेंट्रल रेलवे ने अपने विभिन्न स्टेशनों पर हवा से पानी बनाने वाली मशीनों को स्थापित करने के लिए प्रोजेक्ट मेघदूत का ऐलान कर दिया है . ऐसे में यात्री आने वाले समय में हवा से बने स्वच्छ पानी का पी सकेंगे. रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छ पानी की उपलब्धता एक बड़ी समस्या रही है. आइए प्रोजेक्ट मेघदूत क्या है इसके बारे में आपको विस्तार से जानकारी देते हैं.
जानकारी के अनुसार फिलहाल ये प्रोजेक्ट सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, कुर्ला, ठाणे, विक्रोली, दादर और घाटकोपर रेलवे स्टेशन पर लगाए जाएंगे. मैत्री एक्वाटेक प्राइवेट लिमिटेड का हवा से पानी बनाने का संयत्र आसपास के मौजूदा वातावरण में उपलब्ध हवा को पानी के रूप में बदल देता है.
Central Railway

आपको बता दें मुंबई में पिछले कुछ सालों में पानी की उपलब्धता काफी कम होने लगी है. इस वजह से लोग पानी कटौती की समस्या से जूझते भी रहते हैं. मुंबई की ऐसी ही समस्या को देखते हुए सेंट्रल रेलवे ने रेलवे स्टेशनों पर मेघदूत मशीनों को लगाने का फैसला लिया है.
क्या है मेघदूत की टेक्नोलॉजी
सेंट्रल रेलवे ने पहले चरण में 17 मेघदूत प्रोजेक्ट रेलवे स्टेशनों पर लगा रहा है. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर और ठाणे में तकरीबन 14 मेघदूत लगाए जाएंगे. वहीं विक्रोली, घाटकोपर और कुर्ला में तीन मशीनें लगेंगी. हवा से साफ पानी बनाने की मेघदूत की टेक्नोलॉजी भी काफी अनोखी है. 18 डिग्री सेल्सियस से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस के किसी भी वातावरण में यह मेघदूत मशीन काम करती है. इसको ऑन करते हुए दो से तीन घंटे में एक हजार लीटर पानी हवा से तैयार हो जाता है. रेलवे के इस फैसले से लाखों रेल यात्रियों को अब स्वच्छ पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
ये भी पढ़ें : Indian Railway: किस तकनीक के कारण ट्रैन में लगे पंखों का घर में नहीं हो सकता है इस्तेमाल, जानिए इस रोचक सवाल का जबाव