वाहन बिक्री के लिहाज से एक दशक में सबसे खराब त्योहार रहा धनतेरस,जानिए सोने की बिक्री कितने करोड़ के पार गई?
कोरोना महामारी की वजह से 2 साल से पर्व और त्योहार फीका रहा, जिसका असर बाजार में भी देखने को मिला। वहीं बाजार में पेट्रोल और डीजल महंगा होने के कारण वाहन के बिक्री पर भी असर पड़ा। एक तरफ जहां धनतेरस के दिन सोने-चांदी की जमकर खरीदारी हुई, वहीं वाहन बिक्री के लिहाज से यह त्योहारी सीजन एक दशक में सबसे खराब रहा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आंकड़ों के हिसाब से धनतेरस के दिन देशभर में सोने और चांदी की खुदरा बिक्री 7,500 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई, जो पिछले साल के तुलना में ज्यादा है। इस दिन करीब 15 टन सोने के आभूषणों की बिक्री हुई।
इससे पहले 2020 में धनतेरस के दिन 3,500 से 4,000 करोड़ रुपये की खुदरा बिक्री हुई थी, जबकि 2019 में यह आंकड़ा 4,500 करोड़ रुपये था। 15 टन सोने की खुदरा बिक्री हुई देश के सराफा बाजारों में।
राज्य राशि (करोड़ में)
दक्षिण भारत 2,000
महाराष्ट्र 1,500
दिल्ली 1,000
पश्चिम बंगाल 1,000
उत्तर प्रदेश 600
पंजाब 400
छत्तीसगढ़ 400
मध्यप्रदेश 350
राजस्थान 250-300
हरियाणा 250
टीकाकरण की वजह से कोरोना महामारी कम हुआ है इसलिए लोग बाजार में गए और खूब खरीदारी की। वहीं पिछले बार की तुलना में लगभग ₹4000 कम सोने की कीमत है, प्रति 10 ग्राम में।
धनतेरस के दिन सोने और चांदी के अलावा लोगों ने होम अप्लायंसेस एवं कपड़ों पर भी जमकर खर्च किए हैं। कोरोना काल के इतने महीने बाद सराफा बाजार में पहली बार ऐसी चमक दिख रही है। इससे कारोबारी भी उत्साहित हैं। अच्छी बात है कि खरीदार अपने इस्तेमाल के साथ निवेश के लिए भी सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।