Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें इसके फायदे और नुकसान

 
Digital Currency: RBI ने लांच की डिजिटल करेंसी, जानें इसके फायदे और नुकसान

Digital Currency: भारत आज से डिजिटल इकोनॉमी के क्षेत्र में एक और कदम बढ़ाने जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल से जुड़ा पहला पायलट प्रोजेक्ट एक दिसंबर को शुरू करने जा रहा है। इसमें सरकारी एवं निजी क्षेत्र के चार बैंक शामिल होंगे। बता दें कि रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से डिजिटल रुपये के थोक खंड की शुरुआत की थी। 

Digital Currency के लिए किया गया इन बैंकों का चुनाव

इसके लिए कुल 9 बैंकों का चुनाव किया गया है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे.पहले चरण में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक देश के चार शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया जारी करेंगे। अगले चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को भी इस पायलट प्रोजेक्ट से जोड़ दिया जाएगा।

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डिजिटल रुपये की खासियत

डिजिटल रुपये का उपयोग यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से किए गए भुगतानों के समान डिजिटल भुगतान करने के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपये का उपयोग यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की तरह ही डिजिटल पेमेंट के लिए करने के लिए किया जाएगा।

पेटीएम और गूगल पे से कितना अलग?

बिजनेस टूडे में छपी खबर के अनुसार, एक्सपर्ट्स का कहना है कि डिजिटल रुपये का मुकाबला मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम और गूगल -पे से नहीं है. डिजिटल रुपया पेमेंट का एक नया तरीका है. इसके तहत आपको बैंक से एक बार डिजिटल रुपया खरीदना होगा. उसके बाद आप वॉलेट से वॉलेट में लेन-देन कर पाएंगे।

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E-Rupee के बड़े फायदे

डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में डिजिटल रुपये मददगार साबित होगा. लोगों को जेब में कैश लेकर की जरूरत नहीं रहेगी.  मोबाइल वॉलेट की तरह ही इससे पेमेंट करने की सुविधा होगी. डिजिटल रुपया को बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट कर सकेंगे. विदेशों में पैसे भेजने की लागत में कमी आएगी.ई- रुपया बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करेगा. ई-रूपी की वैल्यू भी मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी.

Digital Currency के कुछ नुकसान भी

रिजर्व बैंक (RBI) की डिजिटल करेंसी E-Rupee के नुकसान के बारे में बात करें तो इसका एक बड़ा नुकसान ये हो सकता है कि इससे पैसों के लेन-देन से संबंधित प्राइवेसी लगभग खत्म हो जाएगी. आमतौर पर कैश में लेन-देन करने से पहचान गुप्त रहती है, लेकिन डिजिटल ट्रांजैक्शन पर सरकार की नजर रहेगी. इसके अलावा ई-रुपया पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा. RBI की मानें तो अगर डिजिटल रुपया पर ब्याज दिया ये करेंसी मार्केट में अस्थिरता ला सकता है.

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