पोस्ट ऑफ़िस की नई स्कीम में 10 साल के भीतर पैसा डबल, पढ़िए विस्तार से
पोस्ट ऑफ़िस आए दिन कुछ ना कुछ ऐसी स्कीम निकालता हैं, जिससे लोग सहज महसूस करने लगते हैं। पैसे को सही जगह इस्तेमाल करने के लिए हर कोई चिंतित रहता हैं। लेकिन पोस्ट ऑफ़िस अपनी योजनाओं से लोगों के मन से यह भार उठा लेता हैं।अगर आप आने वाले दिनों में निवेश करने की सलाह बना रहे हैं, तो आप पोस्ट ऑफिस की सेविंग्स स्कीम्स आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता हैं।इन स्कीम्स में आपको अच्छा रिटर्न तो मिलता ही हैं साथ में, इसमें निवेश किया गया पैसा भी पूरी तरह सुरक्षित रहता हैं।
अगर बाईचान्स बैंक डिफॉल्ट होता है, तो आपको पांच लाख रुपये की ही राशि वापस मिलेगी। लेकिन डाकघर में ऐसा नहीं होता हैं। इसके अलावा डाक घर की सेविंग्स स्कीम्स में बेहद कम धन राशि से आप निवेश शुरू कर सकते हैं। डाक घर की स्मॉल सेविंग स्कीम्स में किसान विकास पत्र योजना भी शामिल हैं। आइए इस स्कीम के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।डाक घर कि किसान विकास पत्र स्कीम में मौजूदा समय में 6.9 फीसदी की ब्याज दर मौजूद हैं।
इस योजना में ब्याज को सालाना आधार पर कंपाउंड किया जाता हैं। यह ब्याज दर विगत वर्ष 1 अप्रैल 2020 से लागू किया गया हैं। इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में निवेश करने पर आपकी राशि 124 महीने यानी 10 साल और 4 महीने में डबल हो जाएगी।इस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में कम से कम आपको एक हज़ार रुपये तक का निवेश किया जा सकता हैं। किसान विकास पत्र में आपको 100 रुपये के मल्टीपल में निवेश करना होगा। इस योजना में अभी तक निवेश की कोई अधिकतम सीमा तय नहीं की गई हैं।
पोस्ट ऑफ़िस की इस योजना में एक वयस्क या तीन वयस्क तक साथ मिलकर अपना ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं। इसके अलावा किसान विकास पत्र में कमजोर दिमाग के व्यक्ति या नाबालिग बच्चे की ओर से उनके अभिभावक भी खाता खोल सकते हैं साथ ही, 10 साल से ज्यादा की उम्र का नाबालिग बच्चा अपने खुद के नाम में भी खाता खोल सकता हैं।
डाक घर की किसान विकास पत्र में जमा की गई राशि वित्त मंत्रालय द्वारा समय-समय पर तय की गई मैच्योरिटी की अवधि पर मैच्योर हो जाती हैं। मैच्योरिटी पीरियड जमा की तारीख से उपयुक्त हो जाएगा।किसान विकास पत्र स्कीम में अकाउंट को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को कुछ विगत परिस्थितियों में ट्रांसफर किया जा सकता है।
खाताधारक की मौत हो जाने पर, अकाउंट को उसके नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारियों को ट्रांसफर कर सकते हैं। इसके अलावा खाताधारक की मौत हो जाने पर ज्वॉइंट होल्डर को अकाउंट ट्रांसफर कर सकते हैं। न्यायालय के आदेश से भी यह धन राशि ट्रांसफर हो सकती हैं। किसी निर्धारित अथॉरिटी को अकाउंट की प्लेजिंग पर भी किया जा सकता हैं।
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