Economy: RBI के गवर्नर बोले- देश में महंगाई दर है ऊंची, इस साल GDP ग्रोथ 9.5% रहने की उम्मीद
Economy: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने भारत सहित कई बड़े देशों की अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है. अब बाजार खुलने के बाद इसे धीरे-धीरे पटरी पर लाने की कोशिश की जी रही है. वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर का जीडीपी को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. उनका कहना है कि इस साल देश में आर्थिक विकास दर (GDP) 9.5 फीसदी रहने की उम्मीद है. साथ ही आने वाले दिनों में यह और तेजी होने की संभावना है.
दरअसल, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने आज यानि शुक्रवार को अपना एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इकोनॉमी स्थिरता आने पर पॉलिसी में बदलाव किया जा सकता है. बाजार में डिमांड बढ़ रही है. हालांकि इस साल देश की आर्थिक विकास दर 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है. इस समय देश में महंगाई दर काफी ऊंची है. लेकिन आने वाले दिनों में ये 6 फीसदी के नीचे रह सकती है. वित्त वर्ष 2020-21 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.3 फीसदी दर्ज की गई है.
वहीं अप्रैल-जून 2021 तिमाही के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 21.4 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ होने की उम्मीद लगाई है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में ग्रोथ रेट अधिक रहेगी. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार आवाजाही और जीडीपी के बीच की कड़ी धीमी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल-जून 2021 में कोरोना के कारण देश के कई हिस्सों में आवाजाही प्रभावित हुई थी जिससे जीडीपी ग्रोथ अधिक रही है.
वैक्सीनेशन होने से भी ग्रोथ रेट पर पड़ता है असर
भारत की रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी देते हुए बताया है कि देश में आई कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद से अब आर्थिक गतिविधियां बेहतर हुई हैं. आपको बता दें कि वैक्सीनेशन होने से भी ग्रोथ रेट पर असर पड़ता है. वहीं रेटिंग एजेंसी के जरिए पता चलता है कि इस साल के अंत तक सारी जनसंख्या का वैक्सीनेशन करने के लिए रोजाना करीब 52 लाख वैक्सीन देनी पड़ेंगी.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले वर्ष मार्च के अंत तक बाकी सभी को सिंगल डोज देने की जरूरत पड़ेगी. जिसके कारण वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक ग्रोथ का अनुमान घटाया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि 9.6 फीसदी से गिरकर यह ग्रोथ रेट 9.4 फीसदी पर रह सकती है.
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