ईपीएस पेंशनभोगियों का जंतर-मंतर पर हल्ला बोल, मांगें नहीं माने जाने पर आत्मदाह की चेतावनी

 
ईपीएस पेंशनभोगियों का जंतर-मंतर पर हल्ला बोल, मांगें नहीं माने जाने पर आत्मदाह की चेतावनी

नई दिल्ली, औद्योगिक/सार्वजनिक/सहकारी/निजी क्षेत्रों के पेंशनभोगियों ने ईपीएस-95 नेशनल एक्शन कमेटी के आह्वान पर दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना विशाल विरोध प्रदर्शन करते हुए भूख हड़ताल समाप्त की और अपने हित के लिए देशव्यापी धरना प्रदर्शन का विस्तार करने का फैसला किया।

ईपीएस-95 नेशनल एक्शन कमेटी (एनएसी) पिछले सात वर्षों से दिल्ली में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सक्रिय रूप से विभिन्न प्रदर्शनों का आयोजन कर रही है। संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सांसदों को ज्ञापन सौंपा गया है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के साथ दो बैठकें करने और आश्वासन और निर्देश प्राप्त करने के बावजूद ईपीएस-95 पेंशनभोगियों की मांगों को ईपीएफओ द्वारा निभाई गई नकारात्मक भूमिका की वजह से मंजूरी नहीं दी गई। समिति की मामले को लेकर वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण के साथ भी बैठक हो चुकी है। लेकिन आज तक पेंशनर्स का मसला अनसुलझा है।

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अतः संगठन के निर्णय के अनुरूप 20 जुलाई 2023 को ईपीएस-95 एनएसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत एवं केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्यों ने जंतर-मंतर पर भूख हड़ताल में भाग लिया और कहा कि यदि सरकार संसद के मौजूदा सत्र के दौरान समिति की मांगों को पूरा करने में विफल रहती है तो देश भर में व्यापक आंदोलन होगा। पेंशनभोगी अब खोखले वादों पर भरोसा नहीं करेंगे, सड़कों पर उतर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। भविष्य की योजनाओं में रेल रोको, सांसदों का घेराव समेत अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। भूख हड़ताल स्थल पर कई राज्यों से पेंशनभोगी शामिल हुए। इस दौरान महाराष्ट्र के उस्मानाबाद से शिवसेना के लोकसभा सांसद श्री ओम राजे निंबालकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, "यह सरकार सत्ता के नशे में बुजुर्ग पेंशनभोगियों के साथ अन्याय कर रही है, और संसद ऐसे अन्याय का विरोध करेगी।"

पेंशनभोगियों ने यह भी चेतावनी जारी की है कि यदि उनकी जरूरतें पूरी नहीं की गईं तो वे आत्मदाह कर लेंगे क्योंकि पेंशन का भुगतान नहीं होने के कारण वे सम्मानजनक जीवन जीने में असमर्थ हैं। विरोध स्थल पर राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत, राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के.एस. तिवारी, ओम शंकार तिवारी, राष्ट्रीय सचिव रमेश बहुगुणा, मुख्य संयोजक रमाकांत नरगुंड, सुरेश डंगवाल, राजीव भटनागर, एस के शर्मा ,जय प्रकाश मिश्रा, एजाज़ रहमान, सी.बी. सिंह, लाल बहादुर सिंह, रघुवीर सिंह, बी.एस. रावत, शोभा आरस, सरिता नारखेड़े, आशा कांबले, लक्ष्मी करवडे सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

कमांडर अशोक राऊत और उस्मानाबाद से लोकसभा सांसद श्री ओम राजे निंबालकर के नेतृत्व में पेंशनभोगियों की चिंताओं को सामने लाया गया, जिससे व्यापक समर्थन और विरोध में बढ़ोत्तरी हुई। राष्ट्रीय महासचिव के रूप में वीरेंद्र सिंह राजावत ने ईपीएस-95 पेंशनभोगियों के लिए उनकी उचित मांगों के लिए समिति के समर्पण को प्रदर्शित करते हुए देशव्यापी धरना-प्रदर्शन के आयोजन और समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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