Thresher Tips:किसान भाइयों थ्रेशर के इस्तेमाल में रखें ये सावधानी, नहीं होगी कोई दुर्घटना

Thresher Tips:आजकल फसलों की गहाई हेतु थ्रेशर काफी प्रचलित हैं बहुफसलीय थ्रेशर का चुनाव कृषकों के लिए लाभकारी रहता है। इस थ्रेशर में छलनी, बीटर की गति, कनकेव एवं कनकेव की क्लियरेंस आदि में बदलाव कर विभिन्न फसलों की गहाई की जा सकती है। थ्रेशर के उपयोग से श्रम एवं फसलोपरांत नुकसान में कमी होती है। भारतीय मानक ब्यूरो (आईएसआई) मार्का थ्रेशर ही खरीदें। थ्रेशर का सुरक्षित उपयोग आवश्यक है। अन्यथा दुर्घटना के कारण विकलांगता हो सकती है। इन बातों को ध्यान में रखकर कृषक सुरक्षित ढंग से थ्रेशर का संचालन कर लाभन्वित हो सकते हैं।
विद्युत चालित श्रेशर में तारों के जोड़ो पर प्लास्टिक टेप लगाकर रखें अन्यथा करंट द्वारा दुर्घटना हो सकती है। सर्किट स्टार्टर का उपयोग करें।
डीजल इन्जिन थ्रेशर से पपीताट द्वारा ट्रांसमिशन व्यवस्था में जाली द्वारा सुरक्षा रखें ।
थ्रेशर की गति, फसल के अनुसार उत्पादक द्वारा निर्धारित/अनुशंसित रखें।
थ्रेशर समतल स्थान पर स्थापित करें अन्यथा संचालन में असुविधा रहती है।
थ्रेशर के पहिये जमीन में 45 सेमी. गड्ढे में बिठायें ताकि संचालन के समय कम्पन्न न हो।
थ्रेशर से भूसा निकालने की दिशा हवा बहने की दिशा में हो।
पपीताटो में तनाव समुचित रहे। ढीली पपीताट से शक्ति स्थानान्तरण में नुकसान होता हैं एवं स्लिप कर सकती है।
थ्रेशर चलाते समय ढीले-कपडे न पहनें अन्यथा कपड़ा फसनेका अंदेशा रहता है।
थ्रेशर में फसल देने हेतु परनाला लगभग 90 सेमी हो तथा कम से कम 45 सेमी ढका हो ताकि बीटर के खिचाव से हाथ अन्दर न जा सके एवं दुर्घटना से सुरक्षा रहे । कुछ कृषक इसे निकालकर रख देते हैं ऐसा नहीं करें।
थ्रेशर चलाने से पूर्व सभी नट-बोल्ट कसे रहें अन्यथा कम्पन्न अधिक होगा।
थ्रेशर की बीयरिंग में समय-समय पर ग्रीस देते रहें।
थ्रेशर से गहाई करते समय मद्यपान नहीं करें अन्यथा दुर्घटना की संभावना अधिक होती है।
थ्रेशर पर श्रमिकों से अधिक घण्टे काम लेने पर थकान के कारण दुर्घटना की संभावना रहती है।
प्राथमिक उपचार बॉक्स साथ रखें। ताकि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की प्रथमिक चिकित्सा की जा सके।
रात में थ्रेशर चलाते समय रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था हो।
गीली तथा कच्ची फसल काटने पर सूखने पर ही गहाई करें अन्यथा गीली फसल शाफ्ट में फंस जाती है तथा रगड़ से मशीन में आग लग सकती है।