Haryana Budget 2022: विपक्ष को है सरकार से ये उम्मीद, जानिए पूरी खबर
Haryana Budget 2022: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र (Haryana Budget 2022-23) बुधवार 2 मार्च से शुरू हो रहा है, जो 22 मार्च तक चलेगा. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) 8 मार्च को 2022-23 के लिए राज्य का बजट पेश करेंगे. इस संबंध में निर्णय विधानसभा की व्यापार सलाहकार समिति (बीएसी) की बैठक में लिया गया.
8 मार्च को पेश होगा हरियाणा बजट
8 मार्च को हरियाणा का बजट पेश होगा. बजट पेश करने के बाद इस बार हरियाणा सरकार संसद की तर्ज पर रिसेस की शुरुआत करेगी. 9 से 11 मार्च तक रिसैस रहेगा. 12 मार्च को शनिवार और 13 को रविवार की छुट्टी रहेगी. 14 मार्च को बजट पर चर्चा के साथ सदन की कार्यवाही शुरू होगी. 21 मार्च को मुख्यमंत्री विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देंगे और इसी दिन बजट पास किया जाएगा.
बजट में राहत की उम्मीद
राज्य के इस बजट व्यापारी वर्ग को सरकार से काफी राहत की उम्मीद हैं, जहां विशेष राहत पैकेज की उम्मीद कर रहा है तो वहीं जीएसटी के नियमों में सरलीकरण की भी मांग है. इसी के साथ फल-सब्जियों का मार्केट फीस से मुक्त करने की मांग है. इसके साथ ही अनियमित कॉलोनियों के लोगों को सरकार तोहफा दे सकती है.
सरकार इनको नियमित कर सकती है. आपको बता दें इस साल के बजट में करीब 1250 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के साथ ही बड़े गांवों में शहरों की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराने की घोषणा प्रदेश सरकार कर सकती है.
विपक्ष साधेगा सरकार पर निशाना
बजट सत्र में तीन कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों पर दर्ज समस्त मुकदमे अभी तक वापस नहीं होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और इनेलो विधायक सरकार को कठघरे में खड़ा करेंगे. जमीन अधिग्रहण कानून में बदलाव का विरोध भी किया जाएगा. इसके साथ ही किसानों की प्राकृतिक आपदा से बर्बाद फसल का मुआवजा मिलने में देरी का मुद्दा भी सदन में उठाया जाएगा.
हालांकि, सरकार की तरफ से कहा गया है कि किसानों पर दर्ज आधे से ज्यादा मुकदमे वापस लिए जा चुके हैं और पेचीदा मुकदमों को वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है. लेकिन ये मुद्दे खट्टर सरकार के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं.
वहीं आपको बता दें, इस बार के बजट में बुढ़ापा पेंशन काटने पर भी बवाल मच सकता है। कांग्रेस ने हजारों लोगों की बुढ़ापा पेंशन बंद होने, उन्हें समय से भुगतान नहीं किए जाने, कानून व्यवस्था की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की बिगड़ती हालत, शिक्षकों की कमी, नौकरियों में कथित भ्रष्टाचार, रोजगार गारंटी कानून में डोमिसाइल की अवधि 15 साल के बजाय पांच साल करने समेत करीब दो दर्जन मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है।