हरियाणा: सिरसा में बंजर जमीन से कमाए 51 लाख रूपये, किसानों को मिल रहा जबरदस्त मुनाफा

 
हरियाणा: सिरसा में बंजर जमीन से कमाए 51 लाख रूपये, किसानों को मिल रहा जबरदस्त मुनाफा

चोरमार खेड़ा के किसान देवेंद्र सिंह और संदीप कौर अपनी ढाई एकड़ जमीन पर मछली पालन का व्यवसाय कर रहे हैं, उन्होंने तालाब में 3.40 लाख रुपये के मछली बीज डाले और 125 दिन की अवधि के बाद 11.50 टन मछली का उत्पादन किया, इसके बाद 51 लाख रुपये से अधिक की बिक्री का लाभ कमाया।

कृषि के लिए बदतर मानी जाने वाली खारी जमीन और खारा पानी हरियाणा के सिरसा जिले में किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है, वो कहते हैं ना जहाँ चाह वहां राह इसी मुहावरे को हरियाणा के किसानो ने सिद्ध करके दिखाया है।

राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा राज्य में बहुत सी ऐसी जमीन है, जो अक्सर खारे पानी के स्तर में वृद्धि के कारण बंजर रह जाती थी, लेकिन किसानों ने फसल विविधीकरण के माध्यम से झींगा मछली पालन का व्यवसाय करके अन्य फसलों की तुलना में अधिक पैसा कमाना शुरू कर दिया है, उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति पहले से काफी मजबूत हुई है। पूरे राज्य में 785 एकड़ जमीन में मछली पालन किया जा रहा है, जिसमें से 400 एकड़ जमीन सिरसा में है।

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हरियाणा: सिरसा में बंजर जमीन से कमाए 51 लाख रूपये, किसानों को मिल रहा जबरदस्त मुनाफा

हरियाणा के अंतिम छोर पर राजस्थान और पंजाब की सीमा से लगे सिरसा जिले में राज्य में सबसे ज्यादा किसान हैं। इस जिले में किसान शुरू से ही मुख्य रूप से नर्मा, कपास, ग्वार, धान, गेहूं की खेती करते रहे हैं। पारंपरिक खेती को अपनाने से जहां इस क्षेत्र में कुछ स्थानों पर भूजल काफी नीचे चला गया, वहीं हजारों एकड़ भूमि खारा हो गई है, जिससे ऐसी भूमि पर किसानों का उत्पादन बंद हो गया. मंत्री ने कहा कि इस स्थिति के कारण जमीन बंजर हो गई. उपजाऊ जमीन न होने से किसानों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी। देशभर में किसानों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार द्वारा नीली क्रांति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लागू की गई थी।

किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है योजना

मंत्री ने कहा कि सिरसा जिले के किसानों ने इस योजना को अपना लिया और आज यह योजना किसानों के आर्थिक आधार को मजबूत करने में कारगर साबित हो रही है। जिला मत्स्य पालन अधिकारी जगदीश चंद्र ने कहा कि खारे पानी और खारे जमीन में मछली पालन की अपार संभावनाएं हैं। योजना के तहत सामान्य वर्ग के लिए इकाई लागत का अधिकतम 40 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/महिला वर्ग के लिए इकाई लागत का 60 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में मत्स्य पालन विभाग की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना मछली किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रही है।

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