Bank Loan: अब लोन लेने का सबसे बेस्ट ऑप्शन! नहीं पड़ेगी गोल्ड की जरूरत, जानें कैसे मिलेगा आसानी से कर्ज
Bank Loan:अगर आपने बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट किया हुआ है तो बेहतर है कि कैश की अर्जेंट जरूरत होने पर आप पर्सनल लोन या गोल्ड लोन लेने के बजाय एफडी के अगेंस्ट लोन को ही प्राथमिकता दें। एक तो सिक्योर्ड लोन होने की वजह से बैंक आसानी से ऐसा लोन दे देते हैं, दूसरा इसमें ब्याज दरें भी काफी कम होती हैं। इसके साथ ही इसे चुकाने की कोई निश्चित अवधि नहीं होती।
एफडी पर कितना कर्ज मिल सकता है?
आमतौर पर बैंक ओवरड्राफ्ट के रूप में एफडी पर कर्ज देते हैं। एफडी को कोलैटरल (बंधक) रखकर बैंक क्रेडिट लिमिट जारी करते हैं। यह क्रेडिट लिमिट आमतौर पर सावधि जमा रकम के 70 से 95 फीसदी तक हो सकती है। कुछ बैंक इस रेंज से भी ज्यादा ऑफर कर सकते हैं।
केवल निकाली गई रकम पर चुकाएं ब्याज
जब बैंक से ओवरड्राफ्ट की रकम स्वीकृत हो जाती है तो ओवरड्राफ्ट खाते से स्वीकृत राशि तक निकासी कर सकते हैं और रीपेमेंट की क्षमता के आधार पर इस कर्ज को चुका सकते हैं। अगर स्वीकृत रकम से कम ओवरड्राफ्ट किया है तो ब्याज केवल निकाली गई रकम पर ही लगेगा, पूरी स्वीकृत रकम पर नहीं।
एफडी पर मिल रहे ब्याज से 0.5% से 2% तक ज्यादा लगेगा ब्याज
एफडी के ऊपर लोन लेने पर अलग-अलग बैंक व्याज लेते हैं। यह एफडी पर मिलने वाले ब्याज से 0.5% से 2% तक ज्यादा हो सकता है। उदाहरण के लिए यदि बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट पर 7.5% सालाना ब्याज मिल रहा है तो उस पर लिए गए लोन पर 8.0% से लेकर 10% सालाना तक ब्याज देना पड़ सकता है। यह हर लिहाज से गोल्ड लोन या पर्सनल लोन से सस्ता पड़ता है।
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