ICICI बैंक ने UPI ट्रांजैक्शनों पर चार्ज वसूलने का ऐलान किया: जानिए क्या बदलने जा रहा है
डिजिटल इंडिया के तहत UPI (Unified Payments Interface) ने हमारे रोज़मर्रा के लेन-देन को आसान बना दिया है। अब हम सब्ज़ी वाले से लेकर मॉल की शॉपिंग तक सभी चीजें UPI के जरिए फ्री में पे कर सकते थे। लेकिन अब ICICI बैंक ने इस पर चार्ज लगाने की घोषणा की है, जो भविष्य में आम ग्राहकों पर भी असर डाल सकता है। आइए जानते हैं क्या बदलाव होने जा रहे हैं।
ICICI बैंक के नए नियम क्या हैं?
ICICI बैंक ने अपने नए नियमों के तहत UPI ट्रांजैक्शनों पर चार्ज लगाने का ऐलान किया है। यह चार्ज खासकर पेमेंट एग्रीगेटर्स (जैसे Razorpay, PhonePe, Paytm for Business) पर लागू होगा। पेमेंट एग्रीगेटर्स वे कंपनियां हैं जो व्यापारियों और ग्राहकों के बीच डिजिटल पेमेंट्स को आसान बनाती हैं।
चार्ज की संरचना क्या होगी?
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ICICI बैंक के एस्क्रो अकाउंट वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स पर प्रति ट्रांजैक्शन 0.02% तक का शुल्क लिया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा ₹6 होगी।
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अन्य बैंक के एस्क्रो अकाउंट वाले पेमेंट एग्रीगेटर्स पर प्रति ट्रांजैक्शन 0.04% तक, अधिकतम ₹10 का शुल्क लिया जाएगा।
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ICICI बैंक में सक्रिय खाता वाले व्यापारियों पर कोई चार्ज लागू नहीं होगा।
यह शुल्क ग्राहकों से नहीं लिया जाएगा, बल्कि केवल उन पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनियों से लिया जाएगा जो लेन-देन की प्रक्रिया संभालती हैं।
बैंक ऐसा क्यों कर रहे हैं?
ICICI बैंक का कहना है कि UPI ट्रांजैक्शन को प्रोसेस करने में कई खर्च आते हैं, जैसे कि सर्वर खर्च, सिक्योरिटी इंफ्रास्ट्रक्चर, और NPCI को भुगतान। पहले बैंक ये खर्च खुद उठाता था, लेकिन अब RBI और NPCI का मानना है कि UPI को पूरी तरह से फ्री बनाए रखना लंबे समय में संभव नहीं है। इसलिए अब एक सस्टेनेबल मॉडल की ओर बढ़ना जरूरी हो गया है, जहां ये खर्च एग्रीगेटर्स या व्यापारियों से वसूला जाए।