ELSS में करना है निवेश तो ध्यान रखें ये बातें वरना हो जाएगा नुकसान
ELSS: बाजार में ऐसी बहुत सी स्कीम हैं, जहां निवेश करने पर आपको टैक्स का फायदा मिलता है। डाकघर, बैंक से लेकिर कैपिटल मार्केट में ऐसी बहुत सी स्कीम हैं. हालांकि ज्यादातर स्कीम में लॉक इन के भी नियम हैं, जहां एक समय के पहले पैसे नहीं निकाल सकते हैं।
बाजार में ऐसी कई Equity Linked Saving Scheme स्कीम हैं, जिन्होंने निवेशकों को लंबी अवधि में शानदार रिटर्न दिया है। इन्हीं में एक है SBI म्यूचुअल फंड की SBI Long Term Equity Fund स्कीम।
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ELSS में निवेश करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
- Lock-in period
- Investment Limit
- Systematic investment
- Lump sum investment
- Top-up option available
- Diversification and risk mitigation
- Taxes on capital gains from ELSS
- How to select the right ELSS fund
ELSS Mutual Fund में निवेश करते वक्त इन आठ बातों को ध्यान में रखकर निवेश करने से काफी बेनेफिट्स मिल सकते हैं. वहीं निवेश के साथ ही टैक्स में बचत का लाभ भी उठाया जा सकता है.
ELSS में कितना होगा निवेश
इस फंड में कम से कम एकमुश्त निवेश 500 रु किया जा सकता है। वहीं कम से कम SIP भी 500 रु है. अचछी बात यह है कि इसका लॉक इन पीरियड 3 साल का ही है। फंड का कुल एसेट्स 31 दिसंबर 2021 तक 10192 करोड़ रुपय है। जबकि उसी डेट तक एक्सपेंस रेश्यो 1.75 फीसदी है।
20 साल में 21% CAGR
SBI Long Term Equity Fund ने लंबी अवधि में निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। यह फंड 31 मार्च 1993 में लॉन्च हुआ था। लॉन्च के बाद से ही इसने 16.34 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से रिटर्न दिया है। यहां 20 साल में निवेशकों को 21 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से रिटर्न मिला है।
20 साल में इस फंड ने निवेशकों के पैसे करीब 50 गुना कर दिए हैं. यानी जिन्होंने यहां 1 लाख रुपये लगाए थे, उनके पैसे 20 साल में 50 लाख रुपये से ज्यादा हो गया है। वहीं 20 साल में 500 रुपये मंथली SIP करने वालों को 1 करोड़ रुपये का फंड मिला।
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