संकट से बचाने के लिए मोदी सरकार ने चलाई प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, अन्नदाताओं के लिए बनी हैं वरदान
देश के किसानों के चेहरे पर मुस्कान हमेशा रहे उसे कोई संकट नहीं आए इसी संकल्प से कि हर खेत को पानी लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना चलाई जा रही है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य भूजल के दोहन को कम करते हुए बूंद-बूंद सिंचाई पर फोकस करना। इसके लिए किसानों को पर ड्रॉप मॉर क्रॉप अभियान से भी जोड़ा जा रहा है। इस अभियान के तहत किसानों को पानी के सही इस्तेमाल के प्रति जागरूक करने और पानी बचाने वाली आधुनिक सिंचाई तकनीकें अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए एक्सपर्ट का सुझाव
वर्तमान लॉटरी व्यवस्था से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' ज़रूरतमंद किसानों की पहुँच से बहुत दूर हो गई है। बेहतर होगा कि इसके लक्ष्य बढ़ाकर पहले की तरह 'प्रथम आओ, प्रथम पाओ' योजना को पुनः लागू किया जाए। सरकार को इस योजना में परिवर्तन करना चाहिए। यह समय की जरूरत है। पांच वर्षों में लागत बढ़ी, प्रगति घटी इरिगेशन एसोसिएशन ऑफ इंडिया मप्र चैप्टर के अध्यक्ष श्री ओमनाथ वर्मा ने कहा कि महाराष्ट्र में जो माँगे, उसको ठिबक' इस पोकरा योजना से कृषि विभाग के माध्यम से 2 लाख परिवार से ज़्यादा प्रतिवर्ष लाभान्वित होते आ रहे हैं, जबकि हमारे मप्र में पिछले दस वर्षों में प्रतिवर्ष पचास हज़ार की प्रगति थी, जो कि पिछले पाँच वर्षों में घटकर औसत पच्चीस हज़ार प्रतिवर्ष ही रह गई है! इसका मुख्य कारण पिछले कुछ वर्षों में कच्चे माल की कीमत बढ़ने से सरकार की संयंत्र की इकाई लागत 12 प्रतिशत तक बढ़ने और राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली दस प्रतिशत टॉपअप हटा लेना भी है। वर्तमान में 12 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी भार बढ़ गया, जो पहले टैक्स फ्री हुआ करता था। इसी कारण यह • घटकर पच्चीस हज़ार प्रतिवर्ष पर आ गई है। जहां अन्य राज्यों में इस बढ़ी हुई लागत को राज्य सरकार ने अपने राज्यांश के माध्यम से 25-30 प्रतिशत अतिरिक्त टॉप अप दे कर किसानों के ऊपर इसका बोझ नहीं आने दिया, जिसके फलस्वरूप पड़ोसी राज्यों में डेढ़ से दो लाख किसानों को प्रतिवर्ष इसका लाभ मिल रहा है।
अटल भूजल योजना
भूजल का सरंक्षण करके सिर्फ कृषि क्षेत्र की ही नहीं, धरती की आधी से ज्यादा जल चुनौतियों को दूर किया जा सकता है। इसी भूजल के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार ने अटल भूजल योजना चलाई है। इस स्कीम के तहत देश में चिन्हित जल संकट वाले 7 क्षेत्रों में स्थाई ग्राउंड वाटर मैनेजमेंट के लिए सामुदायिक भागीदारी पर फोकस करना है. इस स्कीम के तहत जल जीवन मिशन के लिए जल स्रोत तैयार करने, किसानों की आय बढ़ाने और समुदाय में पानी की उपयोगिता के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया जाता है। अटल भूजल योजना का संचालन हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 8353 जल संकट ग्रस्त ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है।