लोन पर ब्याज माफ करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये फैसला, जानें
Supreme Court: लोन मोरेटोरियम मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को अपना फैसला सुना दिया है. न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि लोन मोरेटोरियम की अवधि के ब्याज को पूरी तरह माफ करने का आदेश नहीं दिया जा सकता है. जस्टिस एम आर शाह ने सुप्रीम कोर्ट में यह फैसला युनाया है.
कोर्ट में जस्टिस एम आर शाह ने सुनाते हुए कहा कि पूरे ब्याज को माफ करना इसलिए मुमकिन नहीं है क्योंकि इस फैसले का असर डिपोजिटर्स पर भी पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने य़ह भी कहा कि आरबीआई और केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के बाद ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि उन्होंने बॉरोअर्स की समस्याओं का समाधान नहीं किया.
जानिए क्या है पूरा मामला
पिछले कुछ समय पहले सरकार ने बैंक कर्जदारों को EMI के भुगतान पर बड़ी राहत दी थी. दरअसल, पिछले साल भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज देने वाली को मोरोटोरियम देने की बात कही थी, जिसे 31 अगस्त तक भी बढ़ाया गया. साल 2020 में मार्च-अगस्त के दौरान मोरेटोरियम योजना का लाभ बड़ी संख्या में लोगों ने लिया, लेकिन उनकी शिकायत थी कि अब बैंक बकाया राशि पर ब्याज के ऊपर ब्याज लगा रहे हैं. जिससे लोग परेशान थे. फिर लोगों की इसकी शिकायत की.
फिर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले पर सवाल पूछा था कि स्थगित EMI पर अतिरिक्त ब्याज क्यों लिया जा रहा है, तो सरकार ने अपने जवाब में कहा कि 2 करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए बकाया किश्तों के लिए ब्याज पर ब्याज नहीं लगाया जाएगा.
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