काम की बात : अब बच्ची का सरकारी अस्पताल में ही बनेगा आधार कार्ड, खुलेगा बैंक अकाउंट भी, पढ़ें पूरी खबर
Delhi Government scheme: जब किसी बच्ची का जन्म सरकारी अस्पताल में होता है तो उसका जन्म प्रमाण पत्र लेने के लिए अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा . दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए पश्चिमी दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में बच्ची के जन्म लेने पर माता-पिता को दोगुनी खुशी देते हुए बच्चियों को उनके जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और बैंक खाते के साथ अस्पताल से विदा करने का निर्णय किया है.
ये ही नहीं जिला प्रशासन सरकारी अस्पताल में जन्म लेने वाली बच्ची की माता को उपहार भी देगी. इस उपहार में माता को बच्ची के पैरों के निशान और एक फोटो शामिल होगी.
सभी कागजात एक बार में मिलेंगे
आपको बता दें कि, जिलाधिकारी चेष्ठा यादव का कहना है कि नन्ही परी पहल (little angel initiative ) का उद्देश्य माता-पिता को सभी जरूरी कागजात एक ही बार में उन्हें प्रदान करवाना है. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे के जन्म से संबंधी किसी भी कागजात के लिए माता-पिता को बार-बार सरकारी विभागों के चक्कर ना लगाने पड़े. इसलिए हम इस योजना को सरकारी अस्पतालों में शुरू कर रहे है.
आपको बता दें कि सरकार की यह योजना फिलहाल के लिए संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में शुरू की गई है. आने वाले अगले हफ्ते में जिले के तीन अन्य अस्पताल भगवान महावीर अस्पताल, बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल और दीपचंद बंधु अस्पताल में इस योजना को शुरू कर दिया जाएगा. एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में सबसे अधिक बच्चों का जन्म बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में होता है. यह हर रोज लगभग 50 से 60 बच्चे जन्म लेते है.
अस्पताल में हेल्प डेस्क की स्थापना
माता-पिता को बच्ची के जन्म से संबंधी सभी कागजात समय पर उपलब्ध हो इसके लिए विभाग ने अस्पतालों में हेल्प डेस्क बनवाएं है. इस हेल्पडेस्क (helpdesk) में एमसीडी, बैंक और आधार इकाइयों के अधिकारियों द्वारा देखरेख होगी. जो यह सुनिश्चित करेंगे कि बच्ची के जन्म के बाद उसे छुट्टी मिलने पर उसके पास सभी कागजात हो.
इसके अलावा अधिकारियों ने यह भी कहा कि अगर किसी कारणवश बच्ची की छुट्टी जल्दी हो जाती है. तो माता-पिता कुछ दिनों के अंदर दोबारा अस्पताल आकर सभी कागजात (All documents of the child) ले जा सकते है.
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