अब इस सरकारी कम्पनी का निजीकरण करने की तैयारी में केंद्र सरकार, प्रकिया हुई तेज
भारत की केंद्र सरकार लगातार कई सरकारी कम्पनीयों का निजीकरण कर चुकी है। जिससे विपक्ष लगातार मुद्दा बना कर केंद्र की मोदी सरकार को घेरता रहता है। लेकिन मोदी सरकार के प्रवक्ताओं का कहना है की, इससे हम बदहाल पड़े सरकारी सिस्टम में जान फूकेंगे। सरकार का कहना है की निजीकरण से लोगों का समय बचेगा और उन्हें बेहतर सुविधा मिलेगी। तो चलिए जानते है कि अब किस सरकारी कम्पनी का निजीकरण होने वाला है।
केंद्र सरकार ने अब एक और सरकारी कंपनी को बेचने की तैयारी शुरू कर दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड (FSNL) में प्राइवेटाईजेसन की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने कंपनी की कीमत का सही दाम लगाने के लिए एसेट वैल्यूयर को नियुक्त करने के लिए आवेदन मांगे हैं।
गुरुवार से इसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एफएसएनएल भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन आईएमएस प्रमाणित मिनी रत्न-2 श्रेणी की कंपनी है। एमएसटीसी की 100 फीसदी की हिस्सेदारी इस कंपनी में ई-कॉमर्स कंपनी एमएसटीसी (MSTC) की 100 फीसदी हिस्सेदारी है। रिपोर्ट के मुताबिक, आवेदन की आखिरी तारीख 6दिसंबर निर्धारित की गई है।
एसेट वैल्यूयर की नियुक्ति किए जाने के बाद टेक्निकल बिड खोली जाएगी। कहा गया है कि टेक्निकल बिड 7 दिसंबर को खोली जाएगी। इसके बाद इसे बेचने के लिए न्यूनतम कीमत तय की जाएगी। कंपनी की कीमत का निर्धारण होने के बाद सरकार इसे बेचने के लिए एक न्यूनतम कीमत तय करेगी। घाटे में चल रही कंपनियों को केंद्र सरकार अब बेच रही है।
दरअसल, सरकार घाटे में चल रही कंपनियों को बेच रही है और इन कंपनियों में अपना हिस्सा बेचकर जो रकम जुटाई जा रही है। उसे देश में चलाई जा रही भिन्न योजनाओं पर खर्च किए जाने की तैयारी है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी इस बात को दोहरा चुकी हैं कि घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों और कई बड़े प्लांट को केंद्र सरकार बेच रही है, लेकिन यह कारोबार नहीं है बल्कि इनसे आने वाली रकम का उपयोग दूसरी योजनाओं पर खर्च की जाएगी।
आपको बताते चले की इन कंपनियों के निजीकरण की प्रक्रिया जारी है। देश में बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल, शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया (एससीआई), नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड और आरआईएनएल के निजीकरण की प्रक्रिया जारी है।
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