Onion Farming: आज ही शुरू करें प्याज की खेती होगा इतना मुनाफा की रह जाओगे हैरान,यहां जाने बुवाई से खुदाई तक की पूरी डिटेल

 
Onion Farming: आज ही शुरू करें प्याज की खेती होगा इतना मुनाफा की रह जाओगे हैरान,यहां जाने बुवाई से खुदाई तक की पूरी डिटेल

Onion Farming: आजकल के दौर में हर कोई अपनी नौकरी से परेशान है।आजकल का युवा वर्ग ज्यादातर खुद का बिजनेस करना ही सही समझता है लेकिन सही बिजनेस आइडिया ने होने के कारण पीछे हट जाते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही एक बिजनेस के बारे में बताएंगे जिसे कम इन्वेस्टमेंट में शुरू किया जा सकता है और घर बैठे अच्छी खासी रकम कमा सकते हैं। ये बिजनेस है प्याज की खेती( Onion Farming) करने का बिजनेस। आपको बता दें कि हमारे देश में महाराष्ट्र और मध्.प्रदेश की प्याज प्रसिद्ध है। हालांकि मध्य प्रदेश में पैदा होनी वाली प्याज का प्रमुख हिस्सा वर्तमान जल-जमाव के लिए और भविष्य में बदलते जलवायु परिदृश्य के लिए दृढ़ता से उजागर माना जाता है। प्याज की खेती करने वाले किसानों को हम बता रहें कुछ ऐसी चीजें जिन्हें अपनाने से वह प्याज की पैदावार बढ़ा सकते हैं।

Onion Farming के लिए सही मौसम और मिट्टी

हालांकि प्याज की खेती के लिए मिट्टी प्रदेश के हिसाब से अलग-अलग होती है।लेकिन इसकी अच्छी फसल और जल निकासी के लिए दोमट मिट्टी (काली मिट्टी) और जैविक उर्वरकों से भरपूर मध्यम से दोमट मिट्टी में होती है। इस मिट्टी में प्रति हेक्टेयर 40 से 50 टन देसी खाद डालने से पैदावार अत्यधिक होती है।अगर बुवाई की बात करें तो रबी सीजन की प्याज की बुवाई का यह बिलकुल मुफीद वक्त है। नवंबर तक बुवाई हो जानी चाहिए।प्याज रोपाई के बाद 1 से 2 महीने बाद मौसम ठंडा हो जाता है। प्याज़ खिलने के दौरान तापमान में वृद्धि इसकी फसल के लिए अनुकूल मानी जाती है।

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प्याज की उन्नत किस्में

  • प्याज की बासवंत-780 (Onion Baswant-780) किस्म सबसे उन्नत किस्म के तौर पर फेमस है. यह रोपाई के 100 से 110 दिनों के बीच पककर तैयार हो जाती है और 250 से 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है।
  • वहीं एम-53 (Onion M-53) किस्म की गिनती की सबसे शानदार किस्मों में होती है, जो बुवाई के 100 से 150 दिनों में पककर तैयार होती है।
  • लाल चमकीले प्याज की ये किस्म 200 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन देती है।

Onion Farming में ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें

  • यदि किसान बीज लगाकर सीधी बुआई करता है तो फसल 120 से 140 दिन में तैयार होती है, जबकि नर्सरी से पौध लगता है तो 60 से 90 दिन में प्याज की फसल पूर्ण रूप से तैयार हो जाती है।
  • नर्सरी के लिए प्याज के बीज 3 से 3.5 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। रोपाई से पूर्व पौधों की जड़ों को कार्बेंडाजिम 9 प्रतिशत के घोल में डूबा देना चाहिए।
  • प्याज के सफल उत्पादन में भूमि की तैयारी का विशेष महत्व हैं। खेत की प्रथम जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करना चाहिए। इसके उपरांत 2 से 3 जुताई कल्टीवेटर या हैरा से करें, प्रत्येक जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं जिससे नमी सुरक्षित रहें, साथ ही मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
  • भूमि की तैयारी के साथ पौधशाला की भी तैयारी उतनी ही आवश्यक है। पौधशाला की तैयारी में ख़ास ध्यान देकर उसे खरपतवार से मुक्त कर मिट्टी को भुरभुरी बना लें।
  • पौधशाला में जल जमाव नहीं हो इसका विशेष ध्यान दें। पौधशाला को छोटी क्यारियों में बांट दें। पौधशाला अपनी आवश्यकता अनुसार बनाएं।

प्याज की खेती में लागत और कमाई

प्याज की खेती (pyaj ki kheti) में अपार संभावनाएं हैं। प्याज की मांग बाजार में सालभर बनी रहती है। मंहगाई की दौरान प्याज ही लोगों को रुलाती है। ऐसे में प्याज के किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।

लागत की बात करें तो प्याज की खेती (onion ki kheti) में 50 हजार से 1 लाख रुपये तक का खर्च आता है। इस खेती से आप प्रति फसल 1.5 से 2 लाख रूपए आसानी से कमा सकते हैं।

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