Pink Tax: क्या है पिंक टैक्स? जानें IT और GST से ये कैसे होता है अलग

 
Pink Tax: क्या है पिंक टैक्स? जानें IT और GST से ये कैसे होता है अलग

Pink Tax: अक्सर हम इनकम टैक्स (IT), कॉरपोरेट टैक्स और जीएसटी के बारे में सुनते हैं. मगर पिकं टैक्स से क्या होता है, इसका उपयोग कहां होता है या ऐसे कई सवाल तो छोड़ो हमें ये भी नहीं पता कि आखिर ये होता क्या है. ये कोई एक्चुअल टैक्स नहीं होता है जो सरकार लगाती है. ये एक्स्ट्रा पैसा है जो महिलाओं को देने पड़ते हैं. इस Pink Tax के जरिए कंपनियां आपकी जेब काटती हैं क्योंकि इसकी पूरी जानकारी लोगों को कम ही होती है. तो चलिए आपको इससे जुड़ी सभी जानकारियां आपको बताते हैं.

क्या होता है Pink Tax?

पिंक टैक्स में सीधे से टैक्स नहीं देना होता है. इसे इनकम टैक्स या वैल्यू ऐडेड टैक्स से बिल्कुल अलग देखा जाता है. इसे सरकारों के निर्धारित प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर की श्रेणी में रखना सही नहीं होगा. यह एक तरह से जेंडर बेस्ड प्राइस डिस्क्रिमिनेशन होता है जो महिलाएं अपने खर्चे में लाती हैं. जब महिलाएं कोई ड्रेस खरीदती हैं खासतौर पर पिंक कलर का तो उन्हें ज्यादा पैसे देने होते हैं.

WhatsApp Group Join Now

अगर आप कई बड़े सैलून में जाते हैं तो हेड मसाज के लिए पुरुष 900 रुपये देते हैं जबकि महिलाएं 2000 रुपये देती हैं. उसी तरह जब शॉपिंग किया जाता है तो ये देखने को मिलता है कि बहुत सी कंपनियां एक ही जैसे प्रोडक्ट के लिए महिलाओं से ज्यादा पैसे वसूलती है. इसमें अगर वे पिंक कलर का कोई सामान खरीदती हैं तो कंपनी ज्यादा पैसे लेती है. इसमें पेन, बैग, ड्रेस, रेजर, परफ्यूम जैसी चीजें शामिल हैं.

Pink Tax: क्या है पिंक टैक्स? जानें IT और GST से ये कैसे होता है अलग
credit-internet

भारत में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं पैसे कम कमाती हैं. मगर महिलाओं के प्रोडक्ट पुरुषों की तुलना में ज्यादा महंगे हैं. इसलिए पिंक टैक्स के जरिए उनके किए हुए खर्च का लेखा जोखा अप्रत्यक्ष रूप से रखा जाता है. महिलाओं को सही दाम में वो चीज मिले जिसके लिए वे दोगुने रुपये देती हैं इस वजह से पिंक टैक्स को गठित किया गया.

यह एक तरफ से सिर्फ महिलाओं की सुविधा के लिए बनाया गया है. अब जब अगली बार आप शॉपिंक करती हैं तो इस चीज को याद रखें. रुपये बचाने के लिए रेजर और लोशन की शॉपिंग आप पुरुषों के सेक्शन में भी जाकर कर सकती हैं.

इसे भी पढ़ें: Business Idea- फायदा ही फायदा! नाममात्र की इन्वेस्टमेंट और महीने के कमाएं 40 से 50 हजार रुपए, जानिए कैसे?

Tags

Share this story