PM Shri Scheme: अब बदल जाएगा सरकारी स्कूलों का ढ़ांचा,सरकार ने की इस खास स्कीम की घोषणा,जानें पूरी डिटेल

 
PM Shri Scheme: अब बदल जाएगा सरकारी स्कूलों का ढ़ांचा,सरकार ने की इस खास स्कीम की घोषणा,जानें पूरी डिटेल

PM Shri Scheme: सरकारी स्कूलों की हालत बदलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में एक खास योजना की शुरूआत की गई। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को इस योजना को मंजूरी दी गई।बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस योजना को पीएम श्री स्कूल (पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) कहा जाएगा। इसके तहत, एनईपी, 2020 की प्रमुख विशेषताओं को दर्शाने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 14,500 स्कूलों का अपग्रेड किया जाएगा।केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि 'पीएम श्री स्कूल' योजना को 2022-2027 तक पांच वर्षों की अवधि में लागू किया जायेगा।खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा।इस पर 27,360 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 18,128 करोड़ रुपये होगी।सरकार के इस योजना से 18 लाख छात्रों को फायदा होगा।

PM Shri Scheme के तहत कैसे चुने जाएंगे स्कूल

देश भर में पीएम-श्री योजना के तहत 14,597 स्कूलों का आदर्श स्कूलों के रूप में चयन तीन चरणों वाली प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा। इसके तहत सहायता प्राप्त करने के लिए स्कूल प्रतिस्पर्धा करेंगे। पूरे देश में कुल स्कूलों की संख्या की ऊपरी सीमा के साथ प्रति ब्लॉक अधिकतम दो स्कूलों (एक प्राथमिक और एक माध्यमिक/ उच्च माध्यमिक) का चयन किया जाएगा। पीएम श्री स्कूलों के चयन और निगरानी के लिए स्कूलों की जियो-टैगिंग की जाएगी।इसके अलावा स्कूलों के चयन के लिये 60 मानक निर्धारित किये गए हैं जिसमें पक्की इमारत, पेयजल सुविधा, लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय, खेल का मैदान, दिव्यांग बच्चों के लिये सुविधाएं आदि शामिल हैं।

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कैसे होंगे PM Shri School

सरकार की माने तो ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन और अनुकरणीय स्कूल के रूप में सामने आएंगे। सरकार द्वारा विद्यालय में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं अलग अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है। इसमें स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाना तथा बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जाएगा। स्कूल ड्रॉप आउट में भी कमी लागने की कोशिश की जाएगी। यही नही इन स्कूलों में प्रैक्टिकल, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित पढ़ाई कराई जाएगी। ये शिक्षकों के लिए भी काफी अहम होगा। इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।इसके अलावा इन स्कूलों में नवीनतम तकनीक, स्मार्ट कक्षा, खेल और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

जवाहर नवोदय विद्यालय और पीएम श्री में अंतर

केंद्रीय विद्यालय या जवाहर नवोदय विद्यालय पूरी तरह से केंद्र के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं।वे केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के तहत केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से फंड किए जाते हैं। जबकि केवी बड़े पैमाने पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तैनात केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों को लेते हैं। देश के ग्रामीण हिस्सों में प्रतिभाशाली छात्रों के लिए जेएनवी की स्थापना की गई थी। इसके विपरीत, पीएम श्री स्कूल केंद्र, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों द्वारा संचालित मौजूदा स्कूलों का अपग्रेड होगा। इसका अनिवार्य रूप से मतलब है कि पीएम श्री स्कूल या तो केवी, जेएनवी, राज्य सरकार के स्कूल या यहां तक कि नगर निगमों द्वारा संचालित हो सकते हैं।

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