Privatization: सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का जल्द होगा निजीकरण
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को प्राइवटाइजेशन (Privatization) की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है. जानकारी के मुताबिक सरकार इन दोनों बैकों में अपनी 51 फीसदी की हिस्सेदारी पहले चरण में बेचे देगी. यह जानकारी मिलते ही इन दोनों बैंकों के शेयरों में आज 20 फीसदी का बढ़ोतरी देखी गई है. इन दोनों बैंकों को अगले साल के वित्त वर्ष तक प्राइवेट किया जाएगा.
आपको बता दें कि सरकार ने बजट के दौरान निजीकरण यानि प्राइवटाइजेशन करने की बात कही थी. इसलिए अब सरकार की तरफ से चार सरकारी बैंकों को चुना गया है जिनकी हिस्सेदारी कम करने की योजना बनाई गई है. सरकारी की इस लिस्ट में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं.
विनिवेश की कमिटी के सचिवालय को भेजा नाम
वहीं अब सरकार ने पहले चरण में दो बैंकों के नाम निजीकरण की लिस्ट में रखे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंकों को चुना है. बताया जा रहा है कि नीति आयोग ने इन दोनों सरकारी बैंकों और एक जनरल बीमा कंपनी का नाम विनिवेश की कमिटी के सचिवालय को भेज दिया है.
आपको बता दें कि बैंकों के प्राइवेट होने से खाता धारकों के रुपयों पर किसी प्रकार की आंच नहीं आएगी. यानि कि बैंको से रुपया निकालने और जमा करने में कोई भी खतरा नहीं होगा. निजीकरण होने के बाद खाता धारकों को लोन जैसी बैंकिंग सर्विसेज पहले के मुकाबले बेहतर तरीके से मिल सकेंगीं. वहीं खाता धारकों के लिए एक समस्या यह आ सकती है कि ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है.
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