RBI MPC Meeting: मौद्रिक समिति की 43वीं मीटिंग में लिया जा सकता है ये फैसला, जानें मिलेगी राहत या बढ़ेगा बोझ

RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन तक चलने वाले बैठक 6 जून से शुरू हो गई है. विश्लेषकों का मानना है कि इसके साथ ही मई, 2022 से शुरू हुआ ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा. बैठक में लिए फैसलों का ऐलान आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास गुरुवार 8 जून, 2023 को बताएंगे. बता दें कि मई 2022 से फरवरी 2023 तक RBI ने दरों में 2.50% की बढ़ोतरी की है. पिछली मीटिंग जो अप्रैल में हुई थी उसमें रेपो रेट को 6.50% पर अपरिवर्तित रखा गया था. मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग हर दो महीने में होती है.
तीन दिन की बैठक (6-8 जून) के दौरान विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों पर विचार किया जाएगा. इसके बाद वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की जाएगी. छह सदस्यों वाली समिति ने ब्याज दरों पर क्या फैसला किया है, इस बारें में गवर्नर प्रेस को बताएंगे.गौरतलब हो कि पिछली मीटिंग में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, इकोनॉमी में जारी रिकवरी को बरकरार रखने के लिए हमने पॉलिसी रेट में बदलाव नहीं किया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम स्थिति के हिसाब से कदम उठाएंगे.
रेपो रेट रह सकती है स्थिर (RBI MPC Meeting)
RBI MPC की 43वीं मीटिंग का फैसला 8 जून को आएगा. इसे रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास सार्वजनिक करेंगे. दास ही 6 सदस्यी MPC के प्रेसिडेंट हैं. केंद्रीय बैंक पिछले साल मई से अबतक रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा कर चुका है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र और बैंक ऑफ इंडिया जैसे बड़े बैंकों के आधिकारियों के मुताबिक दरों में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.
ग्राहकों को मिल सकता है ये फायदा
RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है. जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है. रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलेने वाला कर्ज महंगा होगा. बदले में बैंक अपने ग्राहकों के लिए लोन महंगा कर देते हैं. इससे इकोनॉमी में मनी फ्लो कम होता है. मनी फ्लो कम होता है तो डिमांड में कमी आती है और महंगाई घट जाती है.
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