Russia-Ukraine Conflict : रूस की मिसाइल से भारत का खजाना हो सकता हैं खाली, जाने क्या हैं माजरा ?
Russia-Ukraine Conflict: बीते दिन रूस ने यूक्रेन में खूब उत्पात मचाया हैं, अभी भी यह जारी हैं। कल यूक्रेन और रूस के बीच चली गोलीबारी में भारत के एक छात्र की भी मौत हो गई हैं। यूक्रेन में एक प्रशासनिक बिल्डिंग पर भी रूस ने एक रॉकट दाग कर हमला किया था। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वाइरल हो रहा हैं। लेकिन इन दोनो देशों के युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा हैं।
अब इससे भारत भी प्रभावित होने लगा हैं, दरअसल यूक्रेन में जारी युद्ध के चलते यह अनुमान लगाया जा रहा हैं कि, चालू वित्त वर्ष में भारत का आयात बिल बढ़कर 600 अरब डॉलर हो सकता हैं। इसका मुख्य कारण यह हैं कि कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, रत्न और आभूषण, खाद्य तेल और उर्वरक के आयात पर भारत की निर्भरता और रुपये के मूल्य में गिरावट हैं।
इससे महंगाई और चालू खाता घाटा बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा हैं। इंडिया रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस तरह की आशंका जताई हैं कि रूस और यूक्रेन के युद्ध से पैदा हुए भू-राजनीतिक जोखिम से खनिज तेल और गैस, रत्न और आभूषण, खाद्य तेल और उर्वरक जैसी वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे। जिससे भारत का आयात बिल बढ़ जाएगा।
कच्चे तेल पर आ सकता हैं बदलाव ?
इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ और मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने अपनी रिपोर्ट में कहा हैं कि इसके चलते मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी हो सकती हैं। चालू खाता घाटा भी बढ़ सकता है और रुपये के मूल्य में भी गिरावट देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल की कीमत में 5 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी होने पर व्यापार या चालू खाता घाटा 6.6 अरब डॉलर बढ़ता है। जिससे भारत के आयात पर असर पड़ेगा ।
2021-22 में आयात बिल इतना बढ़ सकता हैं ?
रूस और यूक्रेन के बीच चलते इस युद्ध से भारत का वित्त वर्ष साल 2021-22 में वस्तुओं का आयात 600 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर सकता हैं। जो चालू वित्त वर्ष के पहले करीब 10 महीनों में 492.9 अरब अमेरिकी डॉलर था। भारत का आयात बिल बढ़ने की आशंका कुछ समय से जताई जा रही है क्योंकि कच्चे तेल के दाम बढ़ सकते हैं। फिलहाल पेट्रोल की नए दामों में कोई बढ़ोतरी नही हुई हैं।
10 महीने में इंपोर्ट बिल 493 बिलियन डॉलर रहा ?
रूस और यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए भू-राजनीतिक जोखिम से खनिज तेल और गैस, रत्न और आभूषण, खाद्य तेल और उर्वरक जैसी वस्तुओं के दाम बढ़ जाएंगे इस तरह का दावा रिपोर्ट में किया गया हैं। इसके चलते वित्त वर्ष 2021-22 में वस्तुओं का आयात 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार भी कर सकता हैं।
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