मार्केट में आ गई है ऐसी ग्रीन सीमेंट, जो है बेहद मजबूत और टिकाऊ,कीमत भी है कम

 
मार्केट में आ गई है ऐसी ग्रीन सीमेंट, जो है बेहद मजबूत और टिकाऊ,कीमत भी है कम

Green cement : करीब 1 सदी पहले तक भारत में सीमेंट की जगह चूना लगाया जाता था. लेकिन धीरे धीरे समय बदला और फिर सीमेंट (ग्रे रंग) आ गई. लेकिन फिर एक बार अब सीमेंट का स्वरूप बदल रहा है. जी हां
इन दिनों ग्रीन सीमेंट की काफी चर्चा हो रही है. जेएसडब्ल्यू सीमेंट, जेके लक्ष्मी सीमेंट, नवरत्न समेत कई ब्रांड्स ने इसे लॉन्च किया है. पर्यावरण की दृष्टि से यह सीमेंट पारंपरिक सीमेंट (ग्रे रंग) से बेहतर बताया जाता है. लोग इसकी बात तो कर रहे हैं, लेकिन इस्तेमाल करने में झिझक रहे हैं. आज हम आपको ग्रीन सीमेंट के बारे में सब कुछ बताने जा रहे हैं, जैसे कि यह पर्यावरण के अनुकूल कैसे है और इसके क्या फायदे हैं? आइए जानते हैं इसके बारे में.

मार्केट में आ गई है ऐसी ग्रीन सीमेंट, जो है बेहद मजबूत और टिकाऊ,कीमत भी है कम

पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन सीमेंट :

ग्रीन सीमेंट का नाम सुनते ही समझ में आ जाता है कि यह ईको फ्रेंडली है. लेकिन अकेले नाम पर भरोसा नहीं किया जा सकता. इसलिए, इसके पक्ष में कुछ डेटा होना आवश्यक है, ताकि यह साबित हो सके कि यह वास्तव में पर्यावरण के अनुकूल है. दुनिया भर में विभिन्न रिपोर्टों में कहा गया है कि पारंपरिक सीमेंट (ग्रे रंग) दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन का 8 प्रतिशत उत्पादन करता है. यह उत्सर्जन सीमेंट बनाने की प्रक्रिया में होता है. लेकिन ग्रीन सीमेंट बनाने की प्रक्रिया में 40 प्रतिशत कम कार्बन का उत्पादन होता है. इसका कारण यह है कि इसे बनाने में औद्योगिक कचरे का ज्यादा इस्तेमाल होता है. मतलब, जो पहले से ही बेकार है, उससे सीमेंट बनता है.

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ग्रीन सीमेंट से क्या बनता है ?

अधिकांश उद्योगों में उत्पादों के निर्माण के लिए गर्म भट्टों का उपयोग किया जाता है. उत्पादों को इन भट्टों में ढाला जाता है. स्टील से लेकर कई अन्य उद्योगों तक ऐसा होता है. भट्टियों के स्लैग का उपयोग मुख्य रूप से हरी सीमेंट बनाने में किया जाता है. इसके अलावा फ्लाई ऐश का उपयोग ग्रीन सीमेंट बनाने में भी किया जाता है. ये दोनों पदार्थ प्रदूषण के प्रमुख कारक हैं. इसलिए इसे बनाने की प्रक्रिया कार्बन-नेगेटिव प्रक्रिया है. यानी सीमेंट कार्बन को कम करने की प्रक्रिया में बनता है.नई तकनीकों के प्रयोग से उत्पादन लागत में भी कमी आती है. हालांकि इसे बनाने की प्रक्रिया में कार्बन का उत्पादन होता है, लेकिन बहुत कम मात्रा में.

मजबूत या नहीं?

जेके सीमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसकी पकड़ काफी मजबूत है और यह लंबे समय तक चलती है. कहा गया है कि यह साधारण सीमेंट की तुलना में 4 गुना ज्यादा जंग प्रतिरोधी भी है. यह बड़े निर्माणों के लिए बेहतर है, क्योंकि इसमें कैल्सीफाइड मिट्टी और चूना पत्थर मिलाया जाता है. ये तत्व सरंध्रता को कम करने में मदद करते हैं और इस प्रकार इसकी शक्ति को बढ़ाते हैं.

निर्माण लागत कम हो जाएगी

नवरत्न ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ हिमांश वर्मा बताते हैं कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘ग्रीन सीमेंट’ सामान्य सीमेंट की तुलना में अधिक समय तक चलता है, और यह आने वाले समय में एक अच्छे विकल्प के रूप में उभर रहा है. हिमांश वर्मा का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन ने दुनिया में एक संकट पैदा कर दिया है, जो सभी के लिए एक चुनौती बन गया है, ऐसे में सीमेंट कंपनियों के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम ने ग्रीन सीमेंट के रूप में एक अच्छा फॉर्मूला तैयार किया है. इससे निर्माण की लागत भी कम होगी और निर्माण उद्योग को पर्यावरण के अनुकूल बनाने का सपना भी साकार होगा. अगर ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें.

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