इस साल के बजट में “क्रिप्टो करेंसी” पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स, जानिए कैसे काम करती हैं यह डिजिटल करेंसी 

 
इस साल के बजट में “क्रिप्टो करेंसी” पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स, जानिए कैसे काम करती हैं यह डिजिटल करेंसी 

क्रिप्टो करेंसी पिछले 6 महीने से भारत में विवाद का केंद्र बनी हुई हैं, कभी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी तो कभी केंद्र सरकार का उसके विपरीत बोलना। क्रिप्टो करेंसी को यूज करने वाले यूज़र्स असमंजस की स्तिथि में थे, इतने में केंद्र सरकार का इस साल का बजट आ गया। इस बजट में केंद्र सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाया हैं। भारत की एक बहुत बड़ी आबादी हैं, जो डिजिटल करेंसी के ज़रिए पैसा कमाती हैं।

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान समय का “होट टॉपिक” बना हुआ हैं। सारी दुनिया में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, वहीं भारत में भी इसमें निवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है। हालांकि, इस डिजिटल मार्केट में जोखिम को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार और आरबीआई ने निजी डिजिटल करेंसी पर नकेल कसना अब शुरू कर दिया हैं। बहुत से लोगों में इसके बारे जानने की उत्सुकता हैं, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर क्रिप्टो करेंसी क्या हैं ? और यह किस तरह काम करती हैं ?

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क्या हैं ये क्रिप्टो करेंसी ?
क्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक ज़रिया हैं। यह ठीक वैसे ही हैं जैसे भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह अभाषी हैं और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी का नाम दिया गया हैं। इस करेंसी का पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता हैं। जहां एक तरफ किसी भी देश की करेंसी के लेन-देन के बीच में एक मध्यस्थ होता हैं। लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन चलाया जाता हैं। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो एक ही पल में किसी को भी अमीर बना देगा तो वही एक ही झटके में उसे जमीन पर भी गिरा देता हैं। लेकिन इतने उतार-चढ़ाव के बावजूद भी इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही हैं।

इस साल के बजट में “क्रिप्टो करेंसी” पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स, जानिए कैसे काम करती हैं यह डिजिटल करेंसी 
Source-Pixabay

सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी “बिटक्वाइन”
इस समय दुनिया में सबसे ज्यादा मूल्यवान और सबसे अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन ही हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर क्रिप्टो करेंसी की बात करें तो नाम आता है इथेरियम का। वहीं टॉप 10 डिजिटल करेंसी की बात करें तो इनमें पोल्काडॉट, टेथर, लाइटक्वाइन, डॉजक्वाइन समेत अन्य करेंसी भी शामिल हैं। शुरुआत दौर में बिटक्वाइन का ही क्रिप्टो बाजार में दबदबा बना था, लेकिन समय के साथ ये बाजार बढ़ता चला गया और हजारों की संख्या में डिजिटल करेंसी चलन में आ गई।

आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो एक कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इस पर किसी भी देश या किसी भी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता हैं। इसकी लोकप्रियता में ऐसी बढ़ोतरी हो रही हैं कि कई देश इसे मान्यता दे चुके हैं।अल सल्वाडोर में तो डिजिटल करेंसी पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी हैं।

क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं। ये डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है। इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से रखा जाता हैं। यह सारा काम कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए चलता रहता हैं। क्रिप्टो करेंसी में कोई भी लेन-देन होता हैं तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती हैं।

इस साल के बजट में “क्रिप्टो करेंसी” पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स, जानिए कैसे काम करती हैं यह डिजिटल करेंसी 
Image credit: pixabay

कैसे ख़रीदे क्रिप्टो करेंसी ?
क्रिप्टो करेंसी खरीदने के दो तरीके हैं, लेकिन आज सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका इन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीदना होता हैं। दुनिया भर में सैकड़ों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज करने का काम कर रहे हैं। भारत में वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर, क्वाइन डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित हैं। इसके अलावा क्वाइनबेस और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं, जहां से बिटक्वाइन, इथेरियम, टेथर और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की कई डिजिटल करेंसी खरीदी जा सकती हैं। सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी क्रिप्टो एक्सचेंज चौबीसों घंटे खुले रहते हैं।

भारत में भी क्रिप्टो में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 15 मिलियन (1.5 करोड़) एक्टिव उपयोगकर्ता ऐसे हैं, जिनका भारत में संचालित किसी न किसी क्रिप्टो एक्सचेंज में पंजीकरण भी होता हैं। यही कारण है कि इस अनियमित बाजार में भारतीय निवेशकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार दोनों बेहद सख्त हैं। इसके साथ ही आरबीआई ने सरकार को अपनी डिजिटल करेंसी के संबंध में एक प्रस्ताव भी दिया हैं।

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यह भी देखें:

https://youtu.be/xbZ0aJ2O-nI

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