शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई ने नेशनल वेबिनार का किया आयोजन

 
शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई ने नेशनल वेबिनार का किया आयोजन

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर 2021 : शिक्षा मंत्रालय ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के साथ साझेदारी में “गुड गवर्नेंस : इंप्रूविंग ईज ऑफ डूडंग बिजनेस, रिड्यूसिंग कॉम्प्लायंस बर्डन” की थीम पर 1 अक्टूबर, 2021 को नेशनल वेबिनार का आयोजन किया।
इस राष्ट्रीय वेबिनार का उद्घाटन केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया। उद्घाटन समारोह में परसिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष श्री आनंद देशपांडे ने उद्घाटन भाषण दिया।
समारोह में कई नामी-गिरामी हस्तियां मौजूद थीं, जिसमें परसिस्टेंट सिस्टम्स के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आनंद देशपांडे, अभातशिप के अध्यक्ष प्रो॰ अनिल डी. सहस्रबुद्धे, उपाध्यक्ष प्रो. एम.पी. पुनिया और सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार शामिल थे।
उद्घाटन समारोह में श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिक्षा मंत्रालय और अभातशिप को इस तरह का वेबिनार आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया, जिससे देश और सभी हितधारकों को लाभ होगा।
सिंधिया ने कहा, “यह साबित हो चुका है कि सरकार अकेले देश में बदलाव या कोई क्रांति नहीं ला सकती। इस युग में प्राइवेट पार्टनरशिप बहुत जरूरी है। इसके लिए स्थिरता और विश्वसनीयता के साथ गतिमान माहौल की जरूरत है। 2015 से 2021 के बीच ईज ऑफ डूडिंग बिजनेस के क्षेत्र में सरकार की रैंकिंग में सुधार आया है। इस माइंडसेट में बदलाव का क्रेडिट माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को दिया जाना चाहिए। पीएम ने स्पष्ट रूप से बता दिया है कि हमें बिजनेस संबंधी मामले में औपचारिकताओं, मंजूरी और नियम के बोझ को कम करने की जरूरत है। इसे हितधारकों के लिए भी आसान बनाया जाना चाहिए। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने पुराने और अप्रासंगिक हो चुके 1500 कानूनों को हटा दिया है।“
सिंधिया ने कहा, “पुराने कानूनों को खत्म करने से ट्रांसजेक्शन की लागत में 2 बिलियन डॉलर की कमी आई। इससे न केवल रुपयों की बचत हुई, बल्कि इससे व्यापारियों की जिंदगी आसान हो गई है। औपचारिकताओं और बोझिल कानूनों को सफलतापूर्वक हटाने से डीजीसीए में 298 सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है। अब सरकार का काम नियामक का नहीं है, बल्कि सरकार कारोबारियों को सुविधाएं दे रही है, ताकि उपभोक्ता हितधारकों से आसानी से सुविधाएं प्राप्त कर सकें।“
अभातशिप के अध्यक्ष प्रो॰ अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा, “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस अब केवल इंडस्ट्रीज और वित्तीय संस्थानों तक ही सीमित नहीं है। अब यह एक नागरिक की जिंदगी के हर पहलू में लागू किया जा सकता है। इसका संबंध पूरे सिस्टम को सुधारने से है। जब उच्च शिक्षा की बात आती है तो कई प्रमुख हितधारक है। अभातशिप इस प्रक्रिया को सरल बनाने का प्रयास कर रहा है, जिससे हितधारकों और संस्थानों पर से बोझ को कम किया जा सके। इससे छात्रों को भी लाभ होगा क्योंकि हमने अनावश्यक कानून और प्रक्रियाओं के पालन के बोझ को सफलतापूर्वक कम कर दिया है। इससे उन्हें अपने कामकाज में काफी आसानी होगी। इससे छात्रों को स्कॉलरशिप का समय पर वितरण किया जा सकेगा। इससे छात्रों को होने वाले लाभ बिना किसी देरी के दिए जा सकते हैं। सरकार की इसी भावना की तर्ज पर हमने अपने अप्रूवल के सिस्टम को “हल्के, लेकिन सख्त नियमों के सिद्धांतों को अपना कर फिर से नया आकार दिया है। इससे संथानों को मान्यता, परियोजनाओं के लिए अनुदान और सेल्फ डिस्क्लोजर के आधार पर दूसरी तरह का दखल हासिल करने में मदद मिलेगी। अब हर औपचारिकता डिजिटल माध्यमों से पूरी की जाएगी।“
अभातशिप के उपाध्यक्ष प्रो. एम.पी. पुनिया ने कहा, “हल्की, लेकिन सख्त नियामक प्रणाली के सिद्धांत से शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने की औपचारिकता को कम करना बहुत जरूरी है। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का प्रभाव कई गुना बढ़ जाएगा। इस प्रयास में हमारे अध्यक्ष प्रो॰ अनिल डी. सहस्रबुद्धे का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हमारा उद्देश्य सभी को तकनीकी शिक्षा प्रदान करना है और यही हमारा अंतिम लक्ष्य है।“
परसिस्टेंट सिस्टम्स अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आनंद देशपांडे ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि नई शिक्षा नीति 2020 में देश में शिक्षा के क्षेत्र को पूरी तरह बदलने की क्षमता है। नई शिक्षा नीति के विजन के अनुसार अब हमारी शिक्षण व्यवस्था कें केंद्र में छात्र है। हर एक व्यक्ति को जीवन भर कुछ न कुछ सीखने के लिए तैयार रहना चाहिए। हम इस पूरे इकोसिस्टम में पुराने छात्रों को शामिल कर बहुत कुछ कर सकते हैं। मेरा मानना है कि शिक्षण संस्थाएं केवल छात्रों को रोजगार के लिए तैयार करने के लिए अलावा और भी बहुत कुछ कर सकती है। इंडस्ट्री अनुसंधान और विकास के अवसर प्रदान कर सकती है। प्रोजेक्ट्स के लिए अनुदानों को साझा कर सकती है। इंडस्ट्री में उन व्यक्तियों और दूसरे लोगों से मदद ले सकती है, जिनके पास संसाधन हैं। अभातशिप तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता में सुघार के लिए काफी पारदर्शी ढंग से यह प्रक्रिया पूरी कर रही है।“

शिक्षा मंत्रालय, एआईसीटीई ने नेशनल वेबिनार का किया आयोजन

अभातशिप के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को समय निकलने और ईज ऑफ डूडंग बिजनेस पर सरकार का विस्तृत विजन शेयर करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “सरकार ने कई नियमों को सरल बनाने, उन्हें खत्म करने और कानूनों को अपराधीकरण से मुक्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इससे कारोबारियों और हितधारकों को लाभ होगा। एआईसीटीई का दृढ़ विश्वास है कि यह रणनीति तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में लागू होनी चाहिए। हमारे हल्के लेकिन सख्त सिद्धात का लक्ष्य इस उद्देश्य को प्राप्त करना है। इससे औपचारिकताओं और बोझिल कानूनी प्रक्रियाओं को प्रभावशाली ढंग से कम किया जा सकेगा।“
एजुकेशनल गवर्नेंस पर ईज ऑफ डूइंग बिजनस के टेक्निकल सेशन की शुरुआत डॉ. रविंद्र कुमार सोनी ने की, जो अभातशिप के दूसरे सलाहकार हैं। इस विषय पर शुरुआती टिप्पणी केएलई यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अशोक शेट्टार ने की। इस विषय पर संबोधन देने वाले प्रमुख वक्ताओं में भोपाल में एमएएनआईटी के डॉ. विमलेश कुमार सोनी, आईआईएम नागपुर के निदेशक श्री भीमराया मेत्री, कानपुर की सीएसजेएम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर विनय कुमार पाठक रहे। इस समारोह में धन्यवाद संबोधन अभातशिप के उपनिदेशक डॉ. मधुकर मारूती वावरे ने दिया।

WhatsApp Group Join Now

यह भी पढ़ें: राजस्थान PTET 2021 के परिणाम हुए घोषित, ऐसे देखें रिजल्ट्स

Sarkari Naukri 2021: पंजाब पुलिस में विभिन्न पदों के लिए निकली भर्तियां, यहां से सीधे करें अप्लाई

Tags

Share this story