Post Office Pin Code: क्या होता है पिन कोड और कब लाया गया था पहली बार अमल में, जानें पूरा इतिहास

 
Post Office Pin Code: क्या होता है पिन कोड और कब लाया गया था पहली बार अमल में, जानें पूरा इतिहास

Post Office Pin Code: आज के समय में हम इंटरनेट और सोशल मीडिया की मदद से पल भर में दुनिया के किसी भी कोने में किसी को भी संदेश भेज सकते हैं. लेकिन एक वक्त था जब लोग एक दूसरे को खत लिखते थे.भारतीय पोस्ट की मदद से ये खत एक जगह से दूसरी जगह तक जाया करते थे.

आपको बता दें कि पोस्ट की मदद से चिट्ठी भेजने के लिए पिन कोड की जरूरत होती है. जब हम कहीं अपना पता लिखते हैं तो भी साथ में पिन कोड दिया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि पिन कोड क्या है, और इसकी शुरूआत कब और कैसे हुई.

50 साल पहले हुई थी शुरूआत

भारतीय पोस्ट में पिन कोड की शुरुआत आज से 50 साल पहले 15 अगस्त 1972 में हुई थी. पिन कोड (PIN) का मतलब पोस्टल इंडेक्स नंबर होता है. इसको शुरू करने वाले एक भारतीय थे, जिनका नाम श्रीराम भीकाजी वेलणकर था.

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इन्हें माना जाता है Pin Code का जनक

आपको जानकर हैरानी होगी कि साल 1972 से पहले अगर आप कोई खत भेजते थे, तो उसे पहले पोस्ट ऑफिस में खोलकर पढ़ा जाता था. इसके बाद उसे अलग-अलग खंडों में बांटकर आगे भेजा जाता था. लेकिन ये काम बेहद पेचीदा था. इससे कई बार गलत पते पर खत पहुंच जाते थे. इस परेशानी से मुक्त होने के लिए श्रीराम भीकाजी वेलणकर ने एक सिस्टम इजात किया, जो आज भी प्रासंगिक है. वेलणकर को पिन सिस्टम का जनक माना जाता है.

Post Office Pin Code: क्या होता है पिन कोड और कब लाया गया था पहली बार अमल में, जानें पूरा इतिहास

ऐसे काम करता है Pin Code सिस्टम

श्रीराम भीकाजी वेलणकर ने पिन कोड सिस्टम को बनाने के लिए पूरे देश को 9 जोन में बांट दिया. इनमें से एक जोन भारतीय सेना के लिए भी है. इस सभी जोन को अलग-अलग कोड दिए गए. कोड का पहला अंक उस राज्य को दिखाता है जहां खत भेजना है. उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड एक ही जोन में हैं, जिनका नंबर 2 है.

यानी इन दोनों राज्यों के सभी स्थानों के पिन की शुरुआत 2 से होगी. इसके बाद पिन कोड का दूसरा अंक सब जोन को दर्शाता है. वहीं तीसरा अंक जिले को दर्शाता है. इसके बाद बचे 3 अंक पोस्ट ऑफिस को बताते हैं. इस तरह 6 अंको के पिन कोड को डिजाइन किया गया है.

राज्यों के पिन कोड

  • दिल्ली-11
  • हरियाणा-12 और 13
  • पंजाब-14 से 16 तक
  • हिमाचल प्रदेश-17
  • जम्मू-कश्मीर-18 से 19 तक
  • उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड-20 से 28 तक
  • राजस्थान-30 से 34 तक
  • गुजरात-36 से 39 तक
  • महाराष्ट्र-40 से 44 तक
  • मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़-45 से 49 तक
  • आंध्र प्रदेश और तेलंगाना-50 से 53 तक
  • कर्नाटक-56 से 59 तक
  • तमिलनाडु-60 से 64 तक
  • केरल-67 से 69 तक
  • पश्चिम बंगाल-70 से 74 तक
  • ओडिशा-75 से 77 तक
  • असम-78
  • पूर्वोत्तर-79
  • बिहार और झारखंड-80 से 85 तक
  • सेना डाक सेवा (एपीएस)-90 से 99 तक

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