कल आईटीआई संगठन एवं छात्र दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन, रखी जाएंगी ये 6 सूत्री मांगे

 
कल आईटीआई संगठन एवं छात्र दिल्ली में करेंगे प्रदर्शन, रखी जाएंगी ये 6 सूत्री मांगे

नई दिल्ली: दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में कल याानि सोमवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में अखिल भारतीय आईटीआई छात्र एवं आईटीआई संचालक संयुक्त संगठन 6 सूत्री मांगों को लेकर बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे. आईटीआई संगठन और छात्र डीजीटी की हठधर्मिता और दमनकारी नीतियों के विरुद्ध प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर पर पदयात्रा कर रहे हैं. हफ्ते भर 301 किलोमीटर लंबी पदयात्रा, मुरैना, धौलपुर, आगरा, मथुरा, कोशी कला, पलवल, फरीदाबाद होते हुए सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचेगी. इस कार्यक्रम में डीजीटी की प्रशिक्षण महानिदेशक ( DGT) नीलम शम्मी राव (भा.प्र.से) एंव केंद्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान जी को भी आमंत्रित किया गया है.

गौरतलब है कि आईटीआई छात्रों को 2014 से 2020 सत्र तक के रेगुलर एवं पुराने छात्रों की परीक्षा जो कि नवंबर 2020 से संचालित है और अभी भी लगभग भारत वर्ष में 40 लाख छात्रों के परिक्षा सम्पन्न नहीं हो पाई है, अत: प्रमोशन या OMR सिस्टम या हो चुकी प्रक्टिकल और ईडी की परीक्षा के आधार पर जल्द से जल्द परिणाम घोषित किया जाए. इनका कहना है कि आईटीआई कोर्स जब प्रैक्टिकल पर आधारित है तो परीक्षा थ्योरी आधारित क्यों?

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'लाखों स्टाफ हो चुका है बेरोजगार'

वहीं डीजीटी के द्वारा कोविड का हवाला देकर 3rd शिफ़्ट को बंद कर नामांकन प्रक्रिया को बाधित कर दिया गया था, जिससे आईटीआई की 6.50 लाख सीटों का नुकसान हुआ है, एवं लाखों अनुदेशक/स्टाफ बेरोजगार हो चुके हैं |जबकि पर्याप्त टीकाकरण भी हो चुका है और सभी स्कूल कॉलेज एवं सार्वजनिक संस्थाओं ओर स्थानों को भी खोला जा चुका है। फिर आईटीआई संस्थाओ के साथ भेदभाव क्यों?

वहीं पदयात्रा सत्याग्रह आंदोलन के आयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह राजावत ने कहा है कि 'पुरानी संचालित आईटीआई संस्थाओं पर 4 ट्रेड की अनिवार्यता तुरंत प्रभाव से समाप्त करें एवं पुरानी आईटीआई से ग्रेडिंग पर रोक भी तुरंत हटाई जाए. साथ ही री-एफ्लिएशन को तत्काल प्रभाव से रोका जाए. इसकी प्रक्रिया 2014 मे प्रारंभ हुई थी, तब से अब तक ये मुद्दा कोर्ट मे पेंडिंग है जिस पर अभी भी स्टे ऑर्डर है'.

इसके अलावा संगठन की छठी मांग है कि परीक्षा शुल्क को 75 रुपये से बढ़ाकर 376 रुपया कर दिया गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से कम किया जाए और परीक्षा केंद्र की दूरी 20 किलोमीटर के दायरे के अंदर ही रखी जाए ताकि आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को आसानी हो सके. वहीं ग्वालियर से आये जितेंद्र सिंह भदौरिया, आईटीआई इलैक्ट्रिशियन ट्रेड एवं छात्र महासंघ प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि आईटीआई में छात्रों के पिछले एक नबंम्बर से अब तक सत्र 2014 से 2017 तक के एक्स छात्र एवं 2018 से 2020 तक के छात्रों का रिजल्ट लंबित है.

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