एआईसीटीई ने जियो इंस्टीट्यूट में एआई और डेटा साइंस पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम किया लॉन्च
 

 
 jio institute

नवी मुंबई, 21 अगस्त, 2023 ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को जियो इंस्टीट्यूट के सहयोग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और डेटा साइंस(डीएस) पर केंद्रित अपने फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह पहल एआईसीटीई की ATAL (एआईसीटीई ट्रेनिंग एंड लर्निंग) पहल के दायरे में आती है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एक चयनित समूह के 40 फैकल्टी सदस्यों को एआईसीटीई द्वारा मंजूरित संस्थानों से एआई और डीएस पर कौशल और ज्ञान से सशक्त करेगा और उन्हें संपन्न बनाएगा।

अपने असाधारण एआई और डेटा साइंस कार्यक्रम के लिए मशहूर जियो इंस्टीट्यूट एक परिवर्तनकारी पांच दिवसीय प्रशिक्षण पहल की सुविधा प्रदान करेगा। अपने विश्व स्तरीय शिक्षकों का उपयोग करके संस्थान एआई और डेटा साइंस में व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करेगा जहां इमर्सिव लर्निंग संदर्भों में एआई उपकरणों के नैतिक परिणामों पर तीव्र ध्यान दिया जाएगा।

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इस परिवर्तनकारी पहल की शुरुआत 21 अगस्त, 2023 को  जियो इंस्टिट्यूट कैम्पस में आयोजित की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन एआईसीटीई के चेयरमैन प्रो. टी.जी. सीताराम की उपस्थिति में किया गया। उन्होंने एक आकर्षक मुख्य भाषण दिया, जिसमें हमारे युग की तीव्र तकनीकी प्रगति और वैश्विक मंच पर एक शैक्षिक नेता के रूप में भारत की आगामी भूमिका पर प्रकाश डाला गया।

उन्होंने कहा, "इस अमृत काल में, भारत 'विश्व गुरु' का दर्जा बरकरार रखने और खुद को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए अपनी शिक्षा प्रणाली में बदलाव कर रहा है। और इस परिवर्तनकारी यात्रा में, एआई जैसी नए जमाने की प्रौद्योगिकियां एक प्रमुख भूमिका निभाने जा रही हैं।"

प्रो. सीताराम ने पाठ्यक्रम में लचीलापन लाने के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की प्रशंसा करते हुए समय के अनुरूप ढलने के महत्व को भी महत्वपूर्ण बताते हुए टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "एनईपी 2020 पाठ्यक्रम में काफ़ी लचीलापन लेकर आया है। पाठ्यक्रम की उन्नति तेजी से होनी चाहिए क्योंकि तकनीक तेजी से बदल रही है, उद्योगों की जरूरतें तेजी से बदल रही हैं और हमें उनकी जरूरतों को समझना होगा और शिक्षण व सीखने की प्रथाओं और पाठ्यक्रम में नए युग की शिक्षाओं को एकीकृत करना होगा।"

इसके अलावा, उन्होंने हमारे चारों ओर तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए शिक्षकों को कुशल बनाने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

आज की दुनिया में कार्यक्रम की प्रासंगिकता के बारे में बात करते हुए जियो इंस्टीट्यूट के प्रोवोस्ट डॉ. गुरुस्वामी रविचंद्रन ने कहा, "भारत विशेष रूप से प्रौद्योगिकी में वैश्विक प्रतिष्ठा के एक केंद्र के रूप में उभर रहा है। एआई और डेटा साइंस में कुशल लोगों की विश्वव्यापी मांग सभी क्षेत्रों में बढ़ रही है। युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए हमें शिक्षक भी चाहिए जो उभरती तकनीकों के ज्ञान से संपन्न हों, जिसे यह प्रोग्राम शिक्षक प्रतिभागियों को प्रदान करेगा।"

एआईसीटीई इस एआई कार्यक्रम के लिए जियो इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी करके प्रसन्न है| उसका मानना है कि इसमें भारत में शैक्षिक परिदृश्य को नया आकार देने की क्षमता है। एआईसीटीई आज की तेजी से विकसित हो रही दुनिया की गतिशील मांगों के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अपने समर्पण पर दृढ़ है।

एआईसीटीई के बारे में:

ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) पूरे भारत में तकनीकी शिक्षा के विनियमन और विकास के लिए जिम्मेदार उच्चतम निकाय है। एआईसीटीई की पहल में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कार्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।

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