कानपुर विश्वविद्यालय में कृषि क्षेत्र में करियर बनाने का सुनहरा मौका, नए तकनीकी कोर्स के लिए दाखिला शुरू

कानपुर | बदलते समय के साथ खेती और कृषि के तौर-तरीके में भी बदलाव आया है। अब जहां एक ओर परंपरागत खेती के तरीके बदल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर तकनीक आधारित खेती का चलन बढ़ रहा है। इसी दिशा में कानपुर विश्वविद्यालय ने नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए कृषि के नए कोर्स शुरू किए हैं।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के स्कूल ऑफ एडवांस्ड एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में अब बैचलर और मास्टर कोर्स किए जा सकते हैं। इन कोर्सों से न केवल छात्रों को खेती की नई तकनीकों का अनुभव मिलेगा, बल्कि भविष्य में बेहतर रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
कोर्स और फीस संरचना:
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बैचलर कोर्स:
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बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर (4 साल)
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सीटें: 180
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सालाना फीस: ₹41,000
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मास्टर कोर्स:
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एमएससी एग्रोनॉमी
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एमएससी हॉर्टिकल्चर (फ्रूट साइंस)
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एमएससी हॉर्टिकल्चर (वेजिटेबल साइंस)
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एमएससी हॉर्टिकल्चर एंड लैंडस्कैपिंग
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एमएससी फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी
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कोर्स अवधि: 2 साल
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सालाना फीस: ₹51,000
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नई तकनीकों से छात्रों को मिलेगा फायदा
विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु त्रिवेदी के अनुसार, खेती में तकनीक ने क्रांति ला दी है। ड्रोन टेक्नोलॉजी, स्मार्ट इक्विपमेंट और ऑर्गेनिक खेती के क्षेत्र में विशेषज्ञों की आवश्यकता है। यह कोर्स छात्रों को प्रैक्टिकल अनुभव देंगे, ताकि वे नवाचार और स्मार्ट खेती में महारत हासिल कर सकें। इसके अलावा, छात्रों को उत्पादन और विपणन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की भी समझ दी जाएगी।
भारत में कृषि क्षेत्र में रोजगार की संभावना
भारत आज भी कृषि प्रधान देश है और इस क्षेत्र में रोजगार के असीमित अवसर मौजूद हैं। छात्रों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, क्योंकि नए युग की खेती को समझकर वे न केवल देश, बल्कि विदेशों में भी नौकरी और स्टार्टअप के अवसर पा सकते हैं।
आवेदन प्रक्रिया
जो छात्र कृषि के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, वे कानपुर विश्वविद्यालय की वेबसाइट या संबंधित विभाग से जानकारी लेकर आवेदन कर सकते हैं। चयन मेरिट के आधार पर किया जाएगा।