Dada Saheb Phalke Award से सम्मानित होंगी अभिनेत्री आशा पारेख, मिलेगा अभिनय का सर्वोच्च सम्मान

 
Dada Saheb Phalke Award से सम्मानित होंगी अभिनेत्री आशा पारेख, मिलेगा अभिनय का सर्वोच्च सम्मान

Dada Saheb Phalke Award 2022: केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री 'अनुराग ठाकुर' ने मंगलवार को यह घोषणा की कि मशहूर अभिनेत्री आशा पारेख (Asha Parekh) को 2020 के दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. इंडियन सिनेमा (Indian Cinema) में दादा साहब फाल्के अवार्ड को सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है. आशा पारेख ने इंडियन सिनेमा में अपना काफी बड़ा योगदान दिया है. उन्होंने हिंदी सिनेमा में एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में दी हैं और लोग आज भी उनकी खूबसूरती और अभिनय के दीवाने हैं.

हिंदी भाषा के अलावा इन भाषाओं में भी कर चुकी हैं फिल्में

आशा पारेख (Asha Parekh) एक ऐसी अभिनेत्री रही हैं जिनके अभिनय के लोग कायल थे. अपने समय में आशा पारेख हाईएस्ट पैड एक्ट्रेस में से एक रही हैं. हिंदी भाषा के अलावा उन्होंने पंजाबी गुजराती और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है. आपको बता दें कि उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी भी शुरू की थी और कई सारे टीवी शोज भी बनाए. साल 1992 में आशा पारेख को पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था.

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सम्मान पाने वाली 52वीं शख्सियत बनेंगी आशा पारेख

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को यह घोषणा की थी कि आशा पारेख को इस साल दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा. अनुराग ठाकुर ने घोषणा करते हुए कहा कि आशा भोंसले हेमा मालिनी उदित नारायण झा पूनम ढिल्लों और टी एस नागभरण की सदस्यता वाली दादा साहब फाल्के समिति ने यह निर्णय लिया है कि 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों मैं आशा पारेख को पुरस्कार दिया जाएगा.

इस तारीख को दिया जाएगा पुरस्कार

दादा साहब फाल्के पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है और यह हर साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में दिया जाता है. इस साल यह कार्यक्रम 30 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. जहां बॉलीवुड अभिनेत्री आशा पारेख को यह पुरस्कार दिया जाएगा. पिछले साल इस सम्मान से साउथ सुपरस्टार रजनीकांत को नवाजा गया था.

बाल कलाकार के तौर पर की थी करियर की शुरुआत

आपको बता दें कि आशा पारेख ने बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरुआत की थी. तब आशा पारेख को लोग इतना जानते नहीं थे लेकिन फिल्मी जगत में उनका सफर काफी लंबा रहा है. उन्होंने धीरे-धीरे करके इंडियन सिनेमा में अपने मुकाम हासिल किया. आशा पारेख की जिंदगी तब बदली जब फेमस फिल्म डायरेक्टर बिमल रॉय ने उन्हें एक इवेंट में डांस करते हुए देखा. विमल राय को आशा पारेख पसंद आ गई और उन्होंने अपनी फिल्म मां ने उन्हें काम दिया जो कि 1952 मैं आई थी. उस समय आशा सिर्फ 10 साल की थी.

इस फिल्म ने आशा पारेख को बनाया स्टार

आपको बता दें कि आशा पारेख की फिल्म बाप बेटा 1994 में आई थी लेकिन यह फिल्म हिट नहीं हो पाई थी. फिल्म मेकर्स का कहना था कि आशा पारेख स्टार एक्ट्रेस नहीं बन सकती. लेकिन 8 दिन बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको हैरान कर दिया. फिल्म निर्माता सुबोध मुखर्जी और लेखक निर्देशक नासिर हुसैन ने उन्हें शम्मी कपूर के अपॉजिट फिल्म दिल दे कर देखो में कास्ट किया जो की 1959 में रिलीज हुई. इस फिल्म ने आशा पारेख को स्टार बना दिया और इसके बात को एक से बढ़कर एक सुपरहिट फिल्में देती चली गईं.

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