Kishore Kumar ने की थी चार शादियां, आखिर क्यों बदला था फिल्मों के लिए नाम?
Kishore Kumar: बॉलीवुड के वेटरेंट सिंगर किशोर कुमार को दुनिया से अलविदा कहे हुए काफी साल बीत चुके हैं। आपको बता दे की 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे किशोर कुमार का देहांत 13 अक्टूबर 1987 को हार्ट अटैक के चलते हुआ था। आज हम आपको उनसे जुड़े कुछ ऐसे किस्तों के बारे में बताने वाले हैं जिनको बहुत ही कम लोग जानते होंगे तो लिए आपको उनके लाइफ के कुछ अनकहे किस्से बताते हैं।
आपको बता दे की किशोर दा का बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था। सिनेमा घरों की दुनिया से जुड़ने के लिए किशोर दा ने अपना नाम बदलकर किशोर कुमार रख लिया था। किशोर दा की पर्सनल लाइफ के बारे में अगर बात करें तो वह चार भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता कुंजलाल गांगुली एक वकील थे और मां गौरी देवी ग्रहणी थी। इसके साथ ही किशोर दा ने चार बार शादी की थी, उनकी पहली पत्नी का नाम रुमा गुहा ठाकुरता उर्फ रूमा घोष था। वहीं उनकी दूसरी पत्नी का नाम एक्ट्रेस मधुबाला था इसके साथ ही उनकी तीसरी पत्नी एक्ट्रेस योगिता बाली और चौथी पत्नी एक्ट्रेस लीना चंद्रावरकर था।
उनके दो बेटे हैं, गायक अमित कुमार (उनकी पहली पत्नी रूमा गुहा से) और सुमित कुमार (उनकी आखिरी पत्नी लीना चंद्रावरकर से)। किशोर दा ने अपने करियर की शुरुआत स्टूडियो बॉम्बे टॉकीज़ से कोरस गायक के रूप में की थी। 1946 में उन्होंने फिल्म 'शिकारी' से बतौर अभिनेता बड़े पर्दे पर एंट्री की। इस फिल्म में उनके बड़े भाई किशोर कुमार मुख्य भूमिका में थे. 1948 में उन्होंने फिल्म 'जिद्दी' के लिए 'मरने की दुआएं क्यों मांगू' गाना गाकर अपने पार्श्व गायन करियर की शुरुआत की।
'बाप रे बाप' (1955), 'चलती का नाम गाड़ी' (1958), 'नॉटी बॉय' (1962) और 'पड़ोसन' (1964) जैसी कई फिल्मों में उनके अभिनय ने सिनेमा प्रेमियों का खूब मनोरंजन किया। जहां तक गायन प्रतिभा की बात है तो किशोर दा हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उन्होंने 'रूप तेरा मस्ताना' (आराधना, 1969), 'खइके पान बनारस वाला' (डॉन, 1978), 'पग घुंघरू बांध' () जैसे गाने गाए हैं। नमक हलाल, 1982)। 'दे दे प्यार दे' (शराबी, 1984) जैसे उनके कई गाने आज भी लोगों को थिरकने पर मजबूर कर देते हैं।