RASHMI ROCKET TRAILER: अंतरराष्ट्रीय विषय को भारत का विषय बना कर रख दिया गया, महिला एथलीट्स की समस्या को उठाया गया है
RashmiRocket का ट्रेलर देखा। इस फिल्म के केंद्र में महिला एथलीट्स में Hyperandrogenism की समस्या को उठाया गया है।
विश्वभर में अनेक महिला एथलीट अंतर्राष्ट्रीय एथलीट महासंघ (आईएएएफ) के इस बेतुके नियम का शिकार बनी हैं। भारत में सांथि सुंदरम और द्युति_चंद इसके उदाहरण हैं। विश्व का सबसे जाना-पहचाना नाम ओलंपिक पदक विजेता कास्टर सेमेन्या का है।
2016 में द्युति चंद ने इंटरव्यू को कहीं तरजीह नहीं मिली थी अलावा ना ही भारतीय मीडिया संस्थान में उनका इंटरव्यू पढ़ने नहीं मिला था। (कहीं अपवाद स्वरूप हो सकता है कि किसी ने किया हो और मेरी नज़र न पड़ी हो) सिर्फ वॉशिंगटन पोस्ट में उनका इंटरव्यू था।
यह चौंकाने वाला था कि इतने बड़े विवाद पर भारतीय मीडिया की नज़र नहीं गई। बहरहाल, जब उनसे बात की और उनकी रुआंसी आवाज में पूरा संघर्ष जाना तो लगा था कि इस संघर्ष पर तो डॉक्युमेंट्री या फिल्म बननी चाहिए। अब पांच सालों बाद फिल्म आ रही है। लेकिन, ट्रेलर देखने पर निराशा हो रही है कि इस अंतर्राष्ट्रीय समस्या का भारतीयकरण कर दिया गया है।
जो बेतुका नियम अंतर्राष्ट्रीय एथलीट महासंघ की देन रहा और इसके खिलाफ स्विट्जरलैंड के खेल मध्यस्थता न्यायालय में लड़ाई लड़ी गई, उस नियम का राष्ट्रीयकरण कर दिया है। इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बेतुके नियम को भारतीय एथलीट संघ का बेतुका नियम बताकर राज्य की जिला/उच्च अदालत में मुकदमा लड़वा दिया है।
यही समस्या है बॉलीवुड के साथ। पहले तो जरूरी मुद्दों को देर से छूना और फिर एक अंतर्राष्ट्रीय विषय को अदना-सा विषय बना देना। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फिल्म बनाना इनके बस का ही नहीं तो अंतर्राष्ट्रीय अवॉर्ड क्या खाक जीतेंगे।