RIP Dilip Kumar:'ट्रेजडी किंग'दिलीप कुमार के शानदार Dialogues
अपने अभिनय से लाखों दिलों को जीतने वाले एक्टर दिलीप कुमार (Dilip Kumar) का आज सुबह निधन हो गया. 98 साल की उम्र में दिलीप कुमार ने मुंबई के खार हिंदुजा अस्पताल में दुनिया को अलविदा कहा.
दिलीप कुमार के निधन की खबर मिलते ही बॉलीवुड और देश में शोक की लहर दौड़ गई. अपने अभिनय से लाखों दिलों को जीतने वाले एक्टर दिलीप कुमार ने पूरी दुनिया में खूब नाम कमाया था.
दिलीप कुमार फिल्मों में अपने खास और अलग अभिनय के लिए जाने जाते थे. फिल्मों में वो जितना अच्छा अभिनय करते थे उतने ही बेहतरीन अंदाज में वो डायलॉग्स बोला करते थे. ऐसे में जानते दिलीप कुमार की फिल्मों के कुछ खास डायसॉग्स.
मैं किसी से नहीं डरता, मैं जिंदगी से नहीं डरता, मौत से नहीं डरता, अंधेरों से नहीं डरता, डरता हूं तो सिर्फ खूबसूरत से ( फिल्म- संगदिल, 1952)
जब पेट की रोटी और जेब का पैसा छिन्न जाता है न, तो कोई समाज वमाझ नहीं रह जाता है आदमी के पास (फिल्म- नया दौर, 1957)
जिस धन के लिए आप दुनिया से धोखा कर रहे हैं, अपने अजीजों से, अपने दोस्तों से धोखा कर रहे हैं, अपने साथियों से धोखा कर रहे हैं, उसी धन के हाथों आप खुद भी धोखा खाएंगे। (फिल्म- पैगाम, 1959)
होश से कह दो कभी होश न आने पाए ( फिल्म- देवदास, 1955)
जिस धन के लिए आप दुनिया से धोखा कर रहे हैं. अपने अजीजों से, अपने दोस्तों से धोखा कर रहे हैं, अपने साथियों से धोखा कर रहे हैं, उसी धन के हाथों आप खुद भी धोखा खाएंगे. (फिल्म- पैगाम, 1959)
मोहब्बत जो डरती है वह मोहब्बत वहीं, अय्याशी है, गुनाह है (फिल्म- मुगल-ए-आजम, 1960)
जब जिंदगी दौड़ती है, तो रगो में बहता खून भी दौड़ता है (फिल्म-क्रांति, 1981)
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