समीर वानखेड़े: आर्यन को अरेस्ट करने वाले इस अधिकारी ने कभी शाहरुख खान को भी रोका था
समीर वानखेडे यह नाम चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे के पूछताछ के बाद और भी फेमस हो गया है। कोई विलेन बता रहा है तो कोई हीरो। चलिए जानते हैं इनके बारे में:
बॉलीवुड में पिछले साल सामने आए कथित ड्रग्स मामले के बाद महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय एजेंसियां कई बार आमने-सामने आ चुकी हैं। महाराष्ट्र सरकार एनसीबी समेत एजेंसियों पर राज्य को बदनाम करने का आरोप लगाती रही हैं। हाल में यह आरोप और भी तीखा और गंभीर हो गया है। जब एनसीपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक कई दिनों से एनसीबी के जोनल चीफ समीर वानखेड़े और उनके परिवार पर हमला बोल रहे हैं। मलिक ने तो वानखेड़े को चुनौती देते हुए कहा है कि जल्द ही नौकरी भी जाएगी।
समीर वानखेड़े पिछले 20 सालों से सिर्फ और सिर्फ हिन्दुस्तानी फ़िल्म इंडस्ट्री को टारगेट कर रहा है। ऐसा समीर वानखेड़े पर आरोप लगाया जाता है कि वे प्रचार पाने के लिए बॉलीवुड को निशाने पर ले रहे हैं।
महाराष्ट्र के रहने वाले समीर वानखेड़े 2008 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी हैं। राजस्व सेवा में आने से पहले वे साल 2006 में पहली बार केंद्रीय पुलिस संगठन (सीपीओ) में शामिल हुए थे।
शाहरुख के साथ समीर की पहली टक्कर 18 जुलाई 2011 को हुई थी जब शाहरुख अपनी पत्नी बच्चों के साथ लंदन और हॉलैंड की यात्रा से लौट रहा था। समीर वानखेड़े की तैनातो बतौर कस्टम अधिकारी उस वक्त मुम्बई एयरपोर्ट पर थी।
शाहरुख को यह कहकर रोक दिया गया कि आप कस्टम के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं उनके बैग्स के सारे समान खोल कर अस्त व्यस्त कर दिए गए घण्टों चले नाटक के बाद जब शाहरुख के उपर 1.50 लाख की कस्टम ड्यूटी ठोंक दी गई जिसे चुकाकर शाहरुख खान घर गए।
यह बात कम लोग जानते है कि समीर ने रणबीर कपूर पर सिर्फ इसलिए 60 हजार की पेनाल्टी ठोंक दी क्योंकि वह भूलवश उस रास्ते से निकल रहे थे जिस रास्ते से एयरपोर्ट के कर्मचारी निकल रहे थे।
समीर वानखेड़े न केवल शाहरुख बल्कि अनुराग कश्यप महेश भट्ट, बिपाशा बसु समेत तमाम कलाक़ारों को टारगेट पर ले चुके हैं। दिलचस्प यह है कि जब समीर कस्टम में थे तब भी ड्रग्स के धंधे के पीछे पड़े थे जब एनसीबी में हैं तब तो हैं ही। एक बार तो कस्टम में तैनाती के दौरान इन्होंने उच्चाधिकारियों को बताया कि उन्हें एलिमिनेट करने की लगातार धमकियां मिल रही हैं।
मुम्बई इंडस्ट्रीज के लोगों ने यूपीए के शासन के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इसकी शिकायत भी की थी कि वह जानबूझ कर इंडस्ट्रीज के लोगों को परेशान कर रहे हैं।