7 मई को पूरे देश में मॉक ड्रिल: गृह मंत्रालय का सभी राज्यों को निर्देश

भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव, खासकर पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को और मजबूत करने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। गृह मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों को 7 मई 2025 को नागरिक सुरक्षा से जुड़ी मॉक ड्रिल कराने के आदेश दिए हैं।
क्या कहा गया है गृह मंत्रालय के निर्देश में?
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देशित किया है कि हवाई हमले की चेतावनी देने वाले एयर रेड सायरन, ब्लैकआउट उपाय, और निकासी योजनाओं का प्रैक्टिकल अभ्यास किया जाए। इसके साथ ही नागरिकों, छात्रों और सिविल डिफेंस कर्मियों को ट्रेनिंग देने का भी प्रावधान किया गया है।
मॉक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले प्रमुख उपाय:
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एयर रेड सायरन का बजाया जाना और उसकी प्रतिक्रिया का अभ्यास
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नागरिकों को प्रशिक्षण – हवाई हमले या आपदा की स्थिति में कैसे बचें
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ब्लैकआउट उपायों का संचालन – बिजली बंद कर सुरक्षात्मक माहौल बनाना
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महत्वपूर्ण संस्थानों को छिपाने या सुरक्षित स्थान पर ले जाने का प्लान
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निकासी योजना को अपडेट करना और उस पर रिहर्सल
मॉक ड्रिल क्या है और क्यों जरूरी है?
मॉक ड्रिल एक आपात स्थिति से निपटने का पूर्वाभ्यास होता है। इसका मकसद होता है:
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किसी भी आपदा के समय त्वरित और सही प्रतिक्रिया सुनिश्चित करना
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जोखिम और कमज़ोरियों की पहचान करना
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अलग-अलग विभागों के बीच समन्वय बेहतर बनाना
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आम जनता को जागरूक और तैयार करना
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बचाव कार्यों का अभ्यास करके गलती की संभावनाएं कम करना
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में क्यों जरूरी है ये अभ्यास?
पाकिस्तान से बढ़ते खतरे के बीच भारत अपनी आंतरिक सुरक्षा और तैयारी को मज़बूत कर रहा है। इस मॉक ड्रिल के ज़रिए सभी स्तर पर आपदा के प्रति सजगता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
निष्कर्ष:
7 मई को होने वाली राष्ट्रीय मॉक ड्रिल भारत की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार चाहती है कि नागरिक, विद्यार्थी, और संस्थान आपदा जैसी स्थितियों से निपटने में पूरी तरह सक्षम और तैयार हों।