ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शनि की पूजा क्यों करनी चाहिए?
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अगर आपकी राशि में शनि आ रहा है. आप साढ़ेसाती से ग्रस्त हैं, शनि की दृष्टि से पीड़ित हैं. कार्य करते हो और उसमें घाटा परेशानियां आ रही है. बीमारी से परेशान हैं, तो शनि की पूजा करनी चाहिए. धर्म व न्याय के प्रतीक शनि देव को ही सुख, संपत्ति, वैभव और मोक्ष देने वाला ग्रह माना जाता है. पापी व्यक्तियों के लिए कष्ट कारक होता है, लेकिन ईमानदार के लिए यश, धन और सम्मान का ग्रह है. भारतीय समाज में आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि भगवान शनि दुख देने वाले हैं पर वास्तव में ऐसा नहीं है. इनकी पूजा करके इन्हें प्रसन्न किया जा सकता है.
भगवान शनि की पूजा करते समय रखें कुछ खास बातों का ध्यान
-पीपल के पेड़ पर शनिवार के दिन शनि देव की मूर्ति के पास तेल चढ़ाएं.
-शनिदेव को तेल चढ़ाते समय ध्यान रखना चाहिए कि तेल इधर उधर ना गिरे.
-काला तिल और गुड़ चीटिंयों को शनिवार के दिन खिलाना चाहिए तथा चमड़े के जूते चप्पल दान करना चाहिए.
-भगवान शनि की पूजा मूर्ति के सामने खड़े होकर नहीं करनी चाहिए. शनि को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करें इसके अलावा शनि के सामने तेल का दीपक जलाएं.
-इनकी पूजा करने वालों का दूसरों के प्रति व्यवहार अच्छा होना चाहिए.
-व्यक्ति को शनिवार के दिन काले रंग के कपड़े पहनने चाहिए.
-चावल, उड़द की दाल आदि का दान देना चाहिए.
-हनुमान चालीसा का नियमित पाठ शनिदेव के प्रकोप से बचाता है.
-शनि मंत्र का जाप करें.
-तिल, तेल और छाया पात्र का दान करें.
-इनको खुश करने के लिए धतूरे की जड़ का छोटा टुकड़ा हाथ में बांधकर धारण करना चाहिए.
-सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं. घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती है.
-साढ़ेसाती से बचने के लिए किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए. शराब ना पिएं. महिलाओं का आदर करना चाहिए. सुबह जल्दी उठकर भगवान का ध्यान करें. तथा किसी धार्मिक कार्य में ईंधन दान करें. शनिदेव की पूजा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद करें.
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